MP Labour Law
MP Labour Law: भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में गुरुवार को तीन महत्वपूर्ण श्रम कानूनों में संशोधन विधेयक पारित किए गए। इनमें ठेका श्रम अधिनियम 1970, कारखाना अधिनियम 1948 और औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 शामिल हैं। इन संशोधनों का उद्देश्य उद्योगों को प्रोत्साहन देना और श्रमिकों के लिए नियमों को लचीला करना है।
-ठेका श्रम अधिनियम में बदलाव: अब 50 से अधिक मजदूरों वाले ठेकेदारों को पंजीयन कराना होगा, पहले यह सीमा 20 थी। हालांकि, पीएफ और ईएसआई जैसे नियम कम संख्या पर भी लागू रहेंगे।
-कारखाना अधिनियम में संशोधन: कारखानों में पंजीयन के लिए मजदूरों की न्यूनतम संख्या 20 से बढ़ाकर 40 कर दी गई है।
-औद्योगिक विवाद अधिनियम: अब कारखाना बंद करने या हड़ताल करने से पहले नियोक्ता और श्रमिकों को छह सप्ताह पहले सूचना देनी होगी। यदि कोई मुद्दा सक्षम अधिकारी के समक्ष लंबित है, तो सात दिन तक हड़ताल नहीं हो सकेगी।
-महिलाओं के लिए नई सुविधा: श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने बताया कि अब महिलाएं निजी संस्थानों और दुकानों में रात की पाली में काम कर सकेंगी। पहले इसकी अनुमति नहीं थी।
-ओवरटाइम में छूट: नए नियमों के तहत श्रमिक 90 दिनों में 144 घंटे तक ओवरटाइम कर सकेंगे। पहले यह सीमा साप्ताहिक सात घंटे थी। अधिक काम पर दोगुना वेतन मिलेगा।
-कांग्रेस विधायकों ने इन संशोधनों को मजदूर विरोधी बताया, जिसका जवाब देते हुए मंत्री पटेल ने कहा कि ये बदलाव उद्योग और श्रमिकों दोनों के हित में हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने विधेयकों को ठीक से पढ़ा ही नहीं।
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