MP Crime : इंदौर। यह कहानी किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं लगती, एक ऐसा चोर, जो न मोबाइल फोन रखता था, न गिरोह बनाता था और हर वारदात के बाद पब्लिक ट्रांसपोर्ट से फरार हो जाता था। इंदौर पुलिस ने तीन महीने की मेहनत और 872 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने के बाद इस चोर को महाराष्ट्र के अमरावती से गिरफ्तार कर लिया है। उसके पास से दो लग्जरी कारों समेत करीब 90 लाख रुपये का माल जब्त हुआ।
MP Crime : बता दें कि जून 2025 में इंदौर निवासी पीयूष ग्रोवर के घर से करीब 95 लाख रुपये मूल्य का सोना-चांदी और नकदी चोरी हो गई थी। घटना ने पूरे पुलिस महकमे को हिला दिया। इंदौर पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने टीम को आदेश दिया कि किसी भी कीमत पर आरोपी को पकड़ना होगा। इसी के बाद शुरू हुई एक हाई-प्रोफाइल जांच, जो तीन महीने तक चली। जांच में सामने आया कि चोरी किसी गैंग ने नहीं, बल्कि अकेले व्यक्ति ने की है। आरोपी की पहचान हुई विजेंद्र उर्फ बंटू उर्फ सुरेश 40 वर्ष मूलतः हरियाणा का रहने वाला और फिलहाल अमरावती (महाराष्ट्र) में रह रहा था।

MP Crime : आरोपी इतना शातिर था कि वह मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करता था, ताकि पुलिस लोकेशन ट्रेस न कर सके। वह घरों के बाहर लगे सीसीटीवी देखकर रेकी करता और फिर मौका पाकर वारदात को अंजाम देता। वारदात के बाद विजेंद्र बस या ट्रेन पकड़कर शहर से गायब हो जाता। वह होटलों में ठहरने से बचता और केवल पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करता। यही वजह रही कि पुलिस को उसे पकड़ने में महीनों लग गए। आखिरकार साइबर सेल और मुखबिरों की मदद से इंदौर पुलिस ने अमरावती में जाल बिछाया और विजेंद्र को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने जब उसे पकड़ा तो उसने खुद कहा“मुझे उम्मीद ही नहीं थी कि आप मुझे पकड़ लेंगे।”
MP Crime : गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसके पास से 550 ग्राम सोना, 50 हजार नकद और चोरी की रकम से खरीदी गई दो लग्जरी कारें (ह्युंडई एक्सेंट और टोयोटा ग्लैंजा) बरामद कीं। जब्त माल की कुल कीमत करीब 90 लाख रुपये आंकी गई है। पूछताछ में सामने आया कि विजेंद्र इंदौर ही नहीं, बल्कि भोपाल, आगर-मालवा, राजस्थान और हरियाणा में भी चोरी की वारदातों को अंजाम दे चुका है। उसके खिलाफ अब तक 31 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इतना ही नहीं, जयपुर में उसके खिलाफ नशीले पदार्थ की तस्करी का केस भी दर्ज है और वह कई बार जेल जा चुका है।
MP Crime : पुलिस पूछताछ में विजेंद्र ने बताया कि चोरी उसके लिए पेशा नहीं बल्कि शौक था। चोरी की रकम से वह शराब पीता, अफीम खरीदता, महंगी कारें चलाता और अय्याशी करता। इंदौर पुलिस की यह कामयाबी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं। लगातार जांच, डिजिटल एविडेंस, 872 कैमरों की छानबीन और महीनों की मेहनत के बाद आखिरकार शातिर चोर पुलिस की पकड़ में आया और अब सलाखों के पीछे है।
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