
Mir Yar Baloch: बलूच नेता मीर यार का बड़ा ऐलान, ‘अब हम रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान’, भारत से मांगा समर्थन
Mir Yar Baloch: नई दिल्ली। पाकिस्तान की दमनकारी नीतियों और फौज की ज्यादतियों के खिलाफ बलूचिस्तान में अब खुले तौर पर आज़ादी की मांग तेज हो गई है। बलूच युवा पत्रकार, लेखक और एक्टिविस्ट मीर यार बलूच ने 9 मई को ‘रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान’ की घोषणा कर पाकिस्तान सरकार और सेना को खुली चुनौती दे डाली है। यह घोषणा ऐसे समय में आई जब ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की थी।
Mir Yar Baloch: बलूचों की ऐतिहासिक स्वतंत्रता का जिक्र
मीर यार बलूच ने बलूचिस्तान की ऐतिहासिक स्वतंत्रता का हवाला देते हुए बताया कि 11 अगस्त 1947 को बलूच राष्ट्र ने स्वतंत्रता घोषित की थी, लेकिन पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया। वे इसे एक औपनिवेशिक अत्याचार मानते हैं और बलूचों को जागरूक कर अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की मुहिम में लगे हैं।
Mir Yar Baloch: भारत से समर्थन की अपील
मीर यार ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि “जैसे भारत ने 1971 में बांग्लादेश को आज़ादी दिलाई, वैसे ही बलूचिस्तान को भी आज़ाद करवाएं।” वे हिंगलाज माता मंदिर को भारत-बलूच मित्रता का प्रतीक मानते हैं और भारत के साथ एक गहरा सांस्कृतिक संबंध बताते हैं।
Mir Yar Baloch: भावनात्मक जुड़ाव और ऐतिहासिक कहानियाँ
मीर यार ने एक मार्मिक किस्सा भी साझा किया एक हिंदू व्यापारी 1947 में बलूचिस्तान छोड़कर भारत चला गया, लेकिन अपनी दुकान की चाबियां एक बलूच मित्र को सौंप गया। वह बलूच आज भी उस दुकान की रक्षा कर रहा है। इस किस्से के जरिए मीर यार भारत और बलूचों के बीच भरोसे और दोस्ती को उजागर करते हैं।
Mir Yar Baloch: वैश्विक मंच पर सक्रिय
मीर यार सोशल मीडिया (एक्स) पर 98 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स के साथ सक्रिय हैं। वे भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और बटुकेश्वर दत्त को अपना आदर्श मानते हैं। वे हिंदी, अंग्रेज़ी, उर्दू और पंजाबी जैसी भाषाएं जानते हैं, जिससे वे भारत और वैश्विक मंच पर बलूच मुद्दे को प्रभावशाली ढंग से उठा रहे हैं।
Mir Yar Baloch: बलूच आंदोलन को नई दिशा
वे बलूच आंदोलन के वरिष्ठ नेता हिर्बेयर मारी के समर्थक हैं और उनके नेतृत्व में नई सरकार की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं। साथ ही, उन्होंने नई दिल्ली समेत कई देशों में रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान के दूतावास खोलने की मांग भी की है।मीर यार बलूच का यह कदम पाकिस्तान की नींद उड़ाने वाला है और आने वाले समय में यह मामला अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और दक्षिण एशिया की राजनीति में एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है।
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