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MHA: नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 24 सितंबर को लेह में हुई हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज डॉ. बी. एस. चौहान को नियुक्त किया है। इस न्यायिक जांच का उद्देश्य यह पता लगाना है कि उस दिन कानून-व्यवस्था की स्थिति इतनी गंभीर क्यों हुई, पुलिस ने क्या कदम उठाए, और चार लोगों की मौत कैसे हुई। गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि यह जांच पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से की जाएगी।
MHA: 24 सितंबर को लेह में सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई थी। प्रदर्शनकारी लेह को राज्य का दर्जा देने और छठे अनुसूची के तहत विशेष अधिकारों की मांग कर रहे थे। इस दौरान हिंसा भड़कने से चार लोगों की मौत हो गई और करीब 90 लोग घायल हुए।
MHA: सरकार ने कहा है कि वह संवाद के लिए हमेशा तैयार है और एपेक्स बॉडी लेह (ABL) तथा कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) के साथ बातचीत को सकारात्मक रूप से आगे बढ़ाने की इच्छुक है। दो दिन बाद पुलिस ने पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को हिंसा भड़काने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तार कर जोधपुर जेल भेजा था। सरकार को उम्मीद है कि न्यायिक जांच के बाद सच्चाई सामने आएगी और लेह के लोगों की आकांक्षाओं का सम्मान किया जाएगा।
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