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रायपुर : रायपुर में मेडिकल रिएजेंट घोटाले को लेकर सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए मोक्षित कॉरपोरेशन पर तीन साल का प्रतिबंध लगा दिया है। अब यह कंपनी किसी भी सरकारी अस्पताल में सप्लाई नहीं कर सकेगी।
इस मामले की जांच आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) और एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) द्वारा की जा रही है। जांच में पता चला कि मोक्षित कॉरपोरेशन ने फर्जी दस्तावेजों और अनियमित प्रक्रियाओं के जरिए सरकारी अस्पतालों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां की थीं।
EOW और ACB की टीम ने इस मामले में मोक्षित कॉरपोरेशन के डायरेक्टर को कुछ दिनों पहले गिरफ्तार किया था। पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं, जिसके आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है।
सरकार ने आदेश जारी कर दिया है कि आने वाले तीन वर्षों तक मोक्षित कॉरपोरेशन से कोई भी सरकारी अस्पताल दवा या मेडिकल उपकरण नहीं खरीदेगा। इससे सरकारी खरीद में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की कोशिश की जा रही है।
EOW और ACB अब इस घोटाले में शामिल अन्य कंपनियों, सरकारी अधिकारियों और बिचौलियों की भूमिका की भी जांच कर रही है। संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं और कई गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
मोक्षित कॉरपोरेशन पर 3 साल का बैन
EOW-ACB कर रही है 411 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच
डायरेक्टर पहले ही गिरफ्तार हो चुका है
सरकारी अस्पतालों में अब इस कंपनी की कोई खरीदी नहीं होगी
अन्य कंपनियों और अधिकारियों की भूमिका की जांच जारी
सरकार की इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। इस मामले में आगे क्या खुलासे होते हैं, इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।
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