
Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 का भव्य समापन, 65 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई पवित्र डुबकी...
प्रयागराज। Mahakumbh 2025: दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ 2025 का बुधवार को सूर्यास्त के साथ ही भव्य समापन हो गया। 45 दिनों तक चले इस आयोजन के अंतिम दिन, महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर 1.53 करोड़ श्रद्धालु संगम में पुण्य स्नान कर चुके हैं। इससे पहले, बीते 44 दिनों में 65 करोड़ श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके थे।
इतिहास रच गया महाकुंभ
महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं की संख्या अमेरिका की आबादी (करीब 34 करोड़) से दोगुनी हो गई, जबकि यह आंकड़ा 193 देशों की कुल जनसंख्या से भी अधिक है। योगी सरकार का दावा है कि इस महाकुंभ में दुनिया में हिंदुओं की आधी आबादी के बराबर लोग संगम में स्नान करने पहुंचे।
बॉलीवुड अभिनेत्री प्रीति जिंटा ने भी महाकुंभ में जाने का वीडियो शेयर किया और लिखा, “मुझे जो अनुभव हुआ, उसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती।”
Mahakumbh 2025: भारतीय वायुसेना का रोमांचक एयर शो
महाशिवरात्रि के अंतिम स्नान पर्व पर भारतीय वायुसेना ने रोमांचक एयर शो के जरिए श्रद्धालुओं का स्वागत किया। दोपहर में जब लड़ाकू विमानों की गर्जना आसमान में गूंजी, तो संगम में स्नान कर रहे श्रद्धालुओं ने हर-हर महादेव, हर-हर गंगे, जय श्री राम और मोदी-योगी जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए।
सुखोई, एएन-32 और चेतक हेलीकॉप्टर श्रद्धालुओं के ऊपर से गुजरे, जिससे लोग रोमांचित हो उठे। वायुसेना के इस प्रदर्शन की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगीं।
डीजीपी का बयान: बिना किसी बड़ी त्रासदी के संपन्न हुआ महाकुंभ
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि महाशिवरात्रि के अवसर पर प्रदेशभर में लाखों श्रद्धालु शिव मंदिरों में पूजा-अर्चना कर रहे हैं। महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन और तकनीक का शानदार मॉडल अपनाया गया।
उन्होंने कहा, “महाकुंभ बिना किसी बड़ी त्रासदी के संपन्न हुआ। हमने रेलवे के साथ समन्वय बनाकर काम किया। स्नान के दिनों में 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने रेल सेवाओं का उपयोग किया, जबकि अन्य दिनों में यह संख्या 3-4 लाख प्रतिदिन रही। यह आयोजन हमारे लिए चुनौती नहीं बल्कि अवसर था, जिसे हमने सफलतापूर्वक पूरा किया।”
Mahakumbh 2025: आस्था और भव्यता का अद्भुत संगम
इस महाकुंभ ने न सिर्फ धार्मिक आस्था को बल दिया बल्कि प्रबंधन और सुरक्षा की मिसाल भी पेश की। 45 दिनों तक चले इस भव्य आयोजन में भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया और संगम में आस्था की डुबकी लगाई।