
Mahakumbh 2025: पहला अमृत स्नान आज, जानें मकर संक्रांति पर संगम स्नान का महत्व...
Mahakumbh 2025 : इस वर्ष के महाकुंभ में कुल पाँच अमृत स्नान (जिसे पहले शाही स्नान कहा जाता था) आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें से पहला अमृत स्नान आज, 14 जनवरी, मकर संक्रांति के दिन हो रहा है। इसके बाद मौनी अमावस्या, वसंत पंचमी, माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के अवसर पर भी अमृत स्नान आयोजित किए जाएंगे। हर अमृत स्नान का अपना विशेष महत्व है।
अयोध्या स्थित सुग्रीव किला के पीठाधीश्वर विश्वेष प्रपन्नाचार्य जी ने मकर संक्रांति के अमृत स्नान की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस दिन सूर्य उपासना का विशेष महत्व है, क्योंकि इससे मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। कुंभ में आने वाले श्रद्धालु सूर्य उपासना और तपस्या के माध्यम से पुण्य लाभ अर्जित करते हैं।
Mahakumbh 2025 : मकर संक्रांति और विष्णु सहस्त्रनाम का महत्व
विश्वेष प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने बताया कि पौराणिक कथाओं के अनुसार, भीष्म पितामह ने अपने शरीर त्यागने से पहले ‘विष्णु सहस्त्रनाम’ की रचना की थी और इसे मकर संक्रांति के दिन पूरा किया था। इसलिए, मकर संक्रांति के दिन ‘विष्णु सहस्त्रनाम’ का पाठ करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। उन्होंने सुझाव दिया कि इस दिन सुबह स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य दें और उनके समक्ष बैठकर उपासना करें। यह उपासना संगम पर न कर पाने की स्थिति में किसी नदी, तालाब, या घर पर भी की जा सकती है।
Mahakumbh 2025 : अखाड़ों का स्नान कार्यक्रम और शोभायात्रा
मकर संक्रांति के पहले अमृत स्नान में अखाड़ों के संत, महंत और नागा साधु परंपरा अनुसार स्नान करते हैं। अखाड़ों के स्नान का समय पहले से ही तय होता है। 14 जनवरी को अमृत स्नान सुबह 6:15 बजे शुरू होकर दोपहर 3:40 बजे तक चलेगा। शोभायात्रा के क्रम में अखाड़ों के नागा संन्यासी अपने शरीर पर भस्म लगाकर, जटा-जूट का श्रृंगार कर, धर्म ध्वजा, तीर-तलवार और ढोल-नगाड़ों के साथ इष्टदेव के जयकारे लगाते हुए संगम की ओर प्रस्थान करेंगे।
Mahakumbh 2025 : स्नान से पहले पूजन और परंपराएं
अखाड़ों के साधु-संन्यासी अमृत स्नान से पहले विधि-विधान के अनुसार इष्ट देव की पूजा करेंगे। मंत्रोच्चार और स्नान विधि पूजन के बाद पदाधिकारी रथों, हाथी और घोड़ों पर सवार होकर संगम की ओर बढ़ेंगे। यह शोभायात्रा रात्रि से ही शुरू हो जाएगी और दिव्य उत्सव का रूप लेगी।
Mahakumbh 2025 : मेला प्रशासन की तैयारी
मेला प्रशासन ने अमृत स्नान के लिए पूरी तैयारी कर ली है। अखाड़ों के स्नान के लिए मार्ग, घाट और समय का निर्धारण कर लिया गया है। श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मार्गों पर बैरिकेड लगाए गए हैं। सभी पुलिस थानों और कर्मियों को आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार, अमृत स्नान के दौरान साधु-संन्यासियों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जाएगी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वॉच टॉवर और आईसीसी कंट्रोल रूम से इस आयोजन की निगरानी करेंगे।
Mahakumbh 2025 : सूर्य उपासना का महत्व
विशेषज्ञों के अनुसार, मकर संक्रांति का अमृत स्नान सूर्य उपासना के साथ जुड़ा हुआ है। यह उपासना इच्छित मनोकामनाओं की पूर्ति के साथ-साथ आत्मा को शुद्ध करने का अवसर प्रदान करती है। श्रद्धालुओं के लिए यह स्नान महाकुंभ की पवित्रता और परंपरा को अनुभव करने का सबसे महत्वपूर्ण दिन है।
महाकुंभ का यह दिव्य आयोजन भारतीय संस्कृति और धर्म के वैश्विक महत्व को दर्शाता है। इस पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान कर पुण्य अर्जित करेंगे और सनातन धर्म की परंपराओं को सजीव बनाएंगे।
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