उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ 2025 की तैयारियों का जायजा लिया और विभिन्न घाटों का निरीक्षण किया। इसके साथ ही उन्होंने गंगाजल का आचमन किया और महाकुंभ के शाही स्नान का नाम बदलकर अब “अमृत स्नान” करने की घोषणा की। यह निर्णय संतों और अखाड़ों द्वारा लंबे समय से उठाई जा रही मांग के तहत लिया गया है।
सीएम योगी ने सबसे पहले नैनी स्थित बायो सीएनजी प्लांट का उद्घाटन किया और फिर फाफामऊ में बने स्टील ब्रिज का शुभारंभ किया। उन्होंने महाकुंभ की तैयारियों का निरीक्षण करते हुए घाटों की स्थिति का आकलन किया। बड़े हनुमान मंदिर में मत्था टेकने के बाद, उन्होंने मेला प्राधिकरण के सभागार में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
महाकुंभ में “अमृत स्नान” और “नगर प्रवेश” के बदलाव
महाकुंभ में परंपरागत “शाही स्नान” को अब “अमृत स्नान” कहा जाएगा। इसके अलावा, महाकुंभ में “पेशवाई” की परंपरा का नाम भी बदलकर “नगर प्रवेश” कर दिया गया है। पेशवाई शब्द का अर्थ होता है सम्माननीय व्यक्ति का स्वागत, और यह परंपरा साधु-संतों के जुलूस से जुड़ी हुई थी, जिसमें वे रथ, हाथी और घोड़ों पर सवार होकर मेला नगरी में प्रवेश करते थे। संतों और अखाड़ों की लंबे समय से चल रही मांग को स्वीकार करते हुए यह बदलाव किया गया।
सीएम योगी ने बताया कि “अमृत स्नान” का नाम देने का उद्देश्य इस परंपरा को नया आयाम देना था। इसके लिए “राजसी स्नान” और “अमृत स्नान” नामों पर विचार किया गया था, और संतों और अखाड़ों की सहमति से “अमृत स्नान” को अंतिम रूप दिया गया।
महाकुंभ 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं, और इन बदलावों से इस ऐतिहासिक आयोजन को और भी समृद्ध और प्रभावी बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
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