Mahakumbh 2025: ममता कुलकर्णी ने सांसारिक मोह को त्याग कर संन्यासी जीवन अपनाया है और महाकुंभ में किन्नर अखाड़े द्वारा उन्हें महामंडलेश्वर बनाया गया है। हालांकि, इस कदम पर कई साधुओं ने आपत्ति जताई है। बाबा रामदेव ने भी इस पर सवाल उठाया है और कहा है कि आजकल किसी को भी आसानी से महामंडलेश्वर बना दिया जा रहा है। ममता कुलकर्णी पिछले कई दिनों से मीडिया की सुर्खियों में बनी हुई हैं। करीब 24 साल बाद भारत लौटने के बाद वह अचानक महाकुंभ में पहुंची और किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बन गईं। इस पर उनकी आलोचना हो रही है और सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर कोई एक दिन में संत कैसे बन सकता है।
बाबा रामदेव ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि एक दिन में कोई संत नहीं बन सकता, इसके लिए कई सालों की साधना की जरूरत होती है। उन्होंने महाकुंभ में रील्स के नाम पर फैलाए जा रहे अश्लीलता के बारे में भी सवाल उठाए और कहा कि यह सब गलत है। रामदेव ने कहा, “कुंभ में रील्स के नाम पर ओछी हरकतें करना सही नहीं है। असली कुंभ वह है जहां मनुष्य देवत्व, ऋषित्व और ब्रह्मत्व की ओर अग्रसर होता है। यह साधना, ध्यान, योग, सत्य, प्रेम और करुणा से प्राप्त होता है।”
जब उनसे ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने पर सवाल किया गया तो रामदेव ने कहा, “एक दिन में कोई संत नहीं बन सकता, इसके लिए कई वर्षों की साधना करनी पड़ती है। हमें इस साधुता को पाने में 50-50 वर्षों का तप लगा है। साधु होना बड़ी बात है और महामंडलेश्वर तो बहुत बड़ा पद है। आजकल किसी की भी मुंडी पकड़कर महामंडलेश्वर बना देना ठीक नहीं है।”
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