
Liquor Scam
Liquor Scam : बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2100 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले में फंसे कारोबारी विजय भाटिया को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने उनकी रिट याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने एसीबी पर बिना समन के गिरफ्तारी का आरोप लगाया था। भाटिया की ओर से यह याचिका सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा के माध्यम से दायर की गई थी। लेकिन मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा की अध्यक्षता वाली बेंच ने इसे खारिज कर दिया, जिससे उनकी कानूनी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
Liquor Scam : ACB ने कोर्ट में दी सफाई
एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) के अधिवक्ता सौरभ पांडे ने कोर्ट में तर्क दिया कि कार्रवाई में हुई देरी का कारण सबूत जुटाना और 300 से अधिक गवाहों से पूछताछ करना था। उन्होंने कहा कि सभी प्रक्रियाएं कानून के तहत पूरी की गई हैं। यह मामला तब और चर्चा में आया जब 31 मई 2025 को दिल्ली से भाटिया को गिरफ्तार किया गया। जानकारी के अनुसार, वह अपने परिवार के साथ विदेश भागने की तैयारी में था। उसी दौरान ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा) ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
जांच में सामने आया कि भाटिया ने विदेशी शराब कंपनियों से सप्लाई करवाई और इसके बदले 15 करोड़ रुपये से अधिक का कमीशन हासिल किया। इस धनराशि को उन्होंने कथित रूप से रियल एस्टेट और अन्य संपत्तियों में निवेश किया।
Liquor Scam : नेताओं से जुड़े ट्रांजेक्शन का खुलासा
ईओडब्ल्यू की छापेमारी में भाटिया और उनके सहयोगी पप्पू बंसल के बैंक खातों से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और उनके परिजनों के खातों में लेन-देन के प्रमाण मिले हैं। अब एसीबी और ईओडब्ल्यू यह जांचने में जुटे हैं कि यह घोटाले का पैसा किन-किन प्रभावशाली लोगों तक पहुंचा और कौन-कौन इस नेटवर्क का हिस्सा था।