हाल के दिनों में महंगाई ने आम जनता की जेब पर भारी असर डाला है। खाद्य वस्तुओं की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे गृहस्थ जीवन चलाना मुश्किल होता जा रहा है।
मौसमी प्रभाव: खराब मौसम और बेमौसम बारिश ने कृषि उत्पादन पर नकारात्मक असर डाला है। इससे सब्जियों और फसलों की आपूर्ति प्रभावित हुई है।
खाद्य तेल और दालों की कीमत: अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल और दालों की कीमतों में वृद्धि का सीधा असर घरेलू बाजार पर पड़ा है।
ईंधन की कीमतों का प्रभाव: डीजल और पेट्रोल की ऊंची कीमतों ने परिवहन लागत बढ़ा दी है, जिससे खाद्य वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं।
प्रभावित वस्तुएं:
सब्जियां: टमाटर, प्याज और आलू की कीमतों में 20-30% तक की वृद्धि हुई है।
दालें: अरहर और मसूर दाल की कीमत में 15% तक का इजाफा हुआ है।
खाद्य तेल: सरसों और सोयाबीन तेल की कीमतें भी उच्चतम स्तर पर हैं।
अनाज: चावल और गेहूं की कीमतें भी तेजी से बढ़ रही हैं।
जनता की प्रतिक्रिया:
लोग महंगाई से परेशान हैं और अपनी दैनिक जरूरतों में कटौती करने पर मजबूर हो गए हैं। कई परिवार अब सस्ती वस्तुओं की ओर रुख कर रहे हैं, जबकि पौष्टिक आहार पर खर्च कम कर रहे हैं।
लेकिन, इसके बावजूद महंगाई पर अभी पूरी तरह से नियंत्रण नहीं हो पाया है।
विशेषज्ञों की राय:
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि यदि खाद्य वस्तुओं की कीमतों पर जल्द नियंत्रण नहीं किया गया, तो इसका असर अर्थव्यवस्था और आम जनता दोनों पर गंभीर हो सकता है।
Related
Discover more from ASIAN NEWS BHARAT
Subscribe to get the latest posts sent to your email.