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ISRO: नई दिल्ली/श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) रविवार को देश के अब तक के सबसे भारी संचार उपग्रह सीएमएस-03 (GSAT-7R) का प्रक्षेपण करेगा। यह लॉन्च आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से इसरो के सबसे शक्तिशाली रॉकेट लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (LVM3-M5) के जरिए किया जाएगा।
ISRO: करीब 4,410 किलोग्राम वजनी यह उपग्रह भारत की धरती से छोड़ा जाने वाला सबसे भारी संचार सैटेलाइट होगा। इसे जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में स्थापित किया जाएगा। इस मिशन से भारत की उच्च क्षमता वाली अंतरिक्ष संचार सेवाओं, विशेषकर समुद्री और दूरदराज क्षेत्रों में डिजिटल कनेक्टिविटी, को नई दिशा मिलेगी।
ISRO: इसरो के अनुसार, सीएमएस-03 एक मल्टी-बैंड सैन्य संचार उपग्रह है, जो भारत के स्थलीय और समुद्री दोनों क्षेत्रों में सुरक्षित व उच्च बैंडविड्थ संचार उपलब्ध कराएगा। इसे विशेष रूप से भारतीय नौसेना के लिए विकसित किया गया है और यह 2013 में लॉन्च हुए जीसैट-7 “रुक्मिणी” का उन्नत संस्करण होगा।
ISRO: सैटेलाइट में सी, एक्सटेंडेड सी और कू-बैंड ट्रांसपोंडर लगाए गए हैं, जिनसे वॉयस, डेटा और वीडियो ट्रांसमिशन की गुणवत्ता बेहतर होगी। इस मिशन से टीवी प्रसारण, टेलीमेडिसिन, ऑनलाइन शिक्षा, आपदा प्रबंधन जैसी सेवाएं और अधिक सशक्त होंगी।
ISRO: एलवीएम3 रॉकेट, जिसने हाल ही में चंद्रयान-3 को सफलता पूर्वक अंतरिक्ष में पहुंचाया था, अब एक बार फिर इसरो की तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन करेगा।






