भोपाल: ED Raid : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार सुबह जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई भोपाल, सीहोर और मुरैना में स्थित कंपनी के मुख्य कार्यालय, फैक्ट्री और अन्य परिसरों पर की गई।
ED Raid : ED की जांच में विदेशी निवेश, वित्तीय अनियमितताओं, बोगस बिलिंग और खाद्य सुरक्षा मानकों के उल्लंघन से जुड़े कई अहम सुराग मिले हैं। जांच एजेंसी को इस छापेमारी में चौंकाने वाले खुलासे होने की संभावना है।
कंपनी के खिलाफ क्या हैं आरोप?
प्रारंभिक जांच में सामने आए इनपुट्स के अनुसार—
- कंपनी ने 27 देशों में अपने मिल्क प्रोडक्ट्स के निर्यात के लिए फर्जी लैब सर्टिफिकेट का इस्तेमाल किया।
- मिल्क प्रोडक्ट्स में पशु चर्बी (Animal Fat) की मिलावट होने का इनपुट मिला है।
- करोड़ों रुपये के बोगस बिल तैयार किए गए, जिससे टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका जताई जा रही है।
- दस्तावेजों में कई देशों में व्यापक कारोबार का जिक्र किया गया है, जिनकी जांच की जा रही है।
- भोपाल में 10 नंबर स्थित मुख्य कार्यालय पर विशेष छापेमारी की गई, जहां से पूरा वित्तीय संचालन नियंत्रित होता है।
- सीहोर स्थित फैक्ट्री में भी छापा, जहां कंपनी के उत्पादन से जुड़े दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
कैसे हुई ED की छापेमारी?
बुधवार सुबह 5 बजे भोपाल, सीहोर और मुरैना में एक साथ ED की टीमें पहुंचीं। छापेमारी के दौरान अहम दस्तावेज, डिजिटल डेटा और बैंकिंग ट्रांजैक्शन से जुड़े रिकॉर्ड जब्त किए गए। ED की कार्रवाई विदेशी निवेश और वित्तीय अनियमितताओं पर केंद्रित है।
सूत्रों के अनुसार, जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट्स ने कथित रूप से गलत दस्तावेजों के आधार पर एक्सपोर्ट लाइसेंस हासिल किया और विदेशी कंपनियों को बड़ी धनराशि भेजी, जिसे संदिग्ध लेन-देन माना जा रहा है।
EOW पहले ही कर चुका है जांच
इससे पहले, आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने भी कंपनी के 5 ठिकानों पर छापा मारा था, जिसमें कई अनियमितताओं का खुलासा हुआ था। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही ED ने यह बड़ी कार्रवाई की।
क्या बोले अधिकारी?
ED के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि—
“हम दस्तावेजों की गहराई से जांच कर रहे हैं। फर्जी बिलिंग, टैक्स चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग और खाद्य सुरक्षा उल्लंघन के मामले सामने आ सकते हैं। जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।”
आगे क्या?
ED अब कंपनी के निदेशकों और मुख्य वित्तीय अधिकारियों से पूछताछ करने की तैयारी में है। विदेशी निवेश और संदिग्ध बैंकिंग ट्रांजैक्शन के आधार पर जांच का दायरा बढ़ाया जा सकता है।
अधिकारियों के अनुसार, अगर अनियमितताओं की पुष्टि होती है, तो कंपनी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और आर्थिक अपराध से जुड़े सख्त कानूनी कदम उठाए जा सकते हैं।
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