Dehradun Uttarakhand : देहरादून : उत्तराखंड में मदरसा शिक्षा के नाम पर बच्चों के शोषण का मामला सामने आया है। बाल आयोग ने छापेमारी कर इस पूरे मामले का खुलासा किया है।
मामले के खुलासे के बाद अब बाल आयोग, अल्पसंख्यक आयोग और मदरसा शिक्षा परिषद ने लापरवाही पर सख्त एक्शन की पैरवी की है। आपको बता दें कि राजधानी देहरादून में राज्य बाल आयोग ने आजाद कॉलोनी स्थित एक मदरसे का
औचक निरीक्षण किया और वहां की स्थितियां बेहद चिंताजनक दिखाई दी। 400 गज के इस चार मंजिला मदरसे में 250 छात्र ठूंसे हुए थे, और मदरसे का कहीं भी पंजीकरण नहीं मिला। इतनी कम जगह में छात्रावास भी था,
जिसमें बिहार के 60 बच्चे रह रहे थे। पूरे भवन में दमघोंटू कमरे, 16 शौचालय और जगह-जगह गंदगी फैली हुई थी। वहां आग से बचाव के कोई उपाय नहीं थे, न ही हवा आने-जाने के उचित व्यवस्था थी।
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बच्चों को बेहद गंदे माहौल में रखा जा रहा था। राज्य बाल आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने बताया कि निरीक्षण के दौरान जब एक बंद कमरे को खोला गया, तो वहां गद्दों के ढेर के बीच एक बच्चा बिना बिस्तर के जमीन पर लेटा मिला।
बच्चे को तेज बुखार था और उसके लिए बिस्तर तक नहीं था। उसे तुरंत चिकित्सा के लिए दून अस्पताल भेजा गया। मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष मौलाना शमून कासमी ने कहा कि मामले की जांच के बाद किसका एक्शन लिया जाएगा।
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वहीं अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष मजहर नईम नवाब ने कहा कि इस तरह के घपलों का मामला पहले से ही चला आ रहा है। पूर्ववर्ती हरीश रावत सरकार के समय सबसे ज्यादा घोटाले के मामले सामने आए।
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