
DeepSeek : जानिए कौन है वह शख्स जिसने चीन के AI चैटबॉट DeepSeek से मचाई दुनिया में हलचल...
DeepSeek : चीन के एआई बॉट ‘दीपसीक’ की लॉन्चिंग ने अमेरिकी टेक कंपनियों में खलबली मचा दी है। इसके कारण अमेरिका की प्रमुख कंपनी NIVIDIA को एक दिन में 600 बिलियन डॉलर (करीब 50 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है। इस घटनाक्रम के बाद, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी कंपनियों को सावधान रहने की सलाह दी है और साथ ही चीन के एडवांस सेमीकंडक्टर तकनीक के निर्यात पर रोक लगाने की बात कही है।
जब बात आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की होती है, तो दुनिया की नजरें आमतौर पर अमेरिका और यूरोप पर होती हैं, लेकिन इस बार चीन ने ऐसा कदम उठाया है, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है। चीन का अपना एआई चैटबॉट ‘दीपसीक’ अब बाजार में आ चुका है और तहलका मचा रहा है। इसने न केवल टेक्नोलॉजी की दुनिया में हलचल पैदा की है, बल्कि NVIDIA जैसी बड़ी अमेरिकी कंपनी के शेयरों को भी जबरदस्त झटका दिया है।
एक ही दिन में NVIDIA के करीब 600 बिलियन डॉलर (लगभग 50 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है। अब सवाल यह है कि आखिर ‘दीपसीक’ क्या है और इसे बनाने वाले शख्स कौन हैं, जिन्होंने एआई की दुनिया में धमाल मचाया है?
DeepSeek के पीछे कौन है?
‘दीपसीक’ के संस्थापक और सीईओ लियांग वेनफेंग का नाम अब एआई इंडस्ट्री में तेजी से उभर रहा है। लियांग का जन्म चीन के झानजियांग में एक साधारण परिवार में हुआ था, जहाँ उनके पिता एक प्राइमरी स्कूल शिक्षक थे। लेकिन लियांग का लक्ष्य हमेशा बड़ा था। वे छोटी उम्र से ही मुश्किल समस्याओं को हल करने में रुचि रखते थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई साधारण स्कूलों से की, लेकिन उनकी काबिलियत ने उन्हें प्रतिष्ठित संस्थानों तक पहुँचाया, और यहीं से उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में गहरी पकड़ बनाई।
लियांग का AI यात्रा
लियांग ने अपने करियर की शुरुआत से ही एआई को अपने बिजनेस का मुख्य केंद्र बनाया। उन्होंने 2013 में हांग्जो याकेबी इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट और 2015 में झेजियांग जियुझांग एसेट मैनेजमेंट की स्थापना की। इसके बाद 2019 में उन्होंने हाई-फ्लायर एआई लॉन्च किया, जो 10 अरब युआन से अधिक की संपत्ति का प्रबंधन कर रहा था। लेकिन असली सफलता 2023 में मिली, जब उन्होंने ‘दीपसीक’ की नींव रखी। यह एआई की सबसे जटिल तकनीक, यानी AGI (Artificial General Intelligence) पर काम कर रहा है।
DeepSeek कैसे बना?
‘दीपसीक’ को बनाने की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। जहां अमेरिकी कंपनियां अपने एआई मॉडल्स को NVIDIA के H100 Tensor Core GPUs पर ट्रेन करती हैं, वहीं लियांग ने चीन में उपलब्ध पुराने और सस्ते H800 GPUs का उपयोग किया। उन्होंने करीब 50,000 H800 GPUs खरीदे और उनका उपयोग करके ‘दीपसीक’ को ट्रेन किया। इस पूरी प्रक्रिया पर कुल खर्च करीब 60 लाख डॉलर (52 करोड़ रुपये) आया, जो कि ChatGPT को बनाने में लगी रकम से 10 गुना कम है। इसके बावजूद, ‘दीपसीक’ ने न केवल बाजार में अपनी जगह बनाई, बल्कि NVIDIA जैसी बड़ी कंपनियों को सीधे चुनौती दी।
DeepSeek का प्रभाव
‘दीपसीक’ का पहला वर्जन ‘दीपसीक-आर1’ पहले ही लॉन्च हो चुका है और इसे काफी सराहा जा रहा है। इसका प्रदर्शन यह दिखाता है कि कैसे चीन अपनी अभिनव सोच और कम लागत वाले मॉडल्स के साथ एआई की दुनिया में नई क्रांति ला सकता है। क्या ‘दीपसीक’ भविष्य में ChatGPT को चुनौती दे सकता है? यह कहना मुश्किल है, लेकिन एक बात स्पष्ट है कि अब एआई की दुनिया में मुकाबला और भी रोमांचक होने वाला है।
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