राकेश व्यास..
Dasha Mata Vrat 2024 : उज्जैन : चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को दशा माता का पूजन किया जाता है। आज गुरूवार को विवाहित महिलाओं ने पीपल के वृक्ष का पूजन करने के बाद परिक्रमा कर दशा माता का धागा धारण कर सुख-समृद्धि, सौभाग्य का वरदान मांगा। दशमी तिथि को सुबह से ही विवाहित महिलाओं की भीड़ मंदिर व पीपल के वृक्ष के पूजन के लिए रही।
Dasha Mata Vrat 2024 : दशा माता का व्रत चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की दशमी को किया गया। सुबह से ही महिलाएं मंदिरों में दशा माता के पूजन के लिए पहुंच गई थी। पहले माता जी का पूजन किया फिर पीपल के वृक्ष की परिक्रमा कर गले में धागा बांधा इसके बाद दशा माता की कथा सुनी। महिलाएं जो धागा गले में धारण करती है वह वर्ष भर नही उतारती है।
अगले वर्ष फिर पूजन के बाद पुराना धागा उतारकर नया धारण किया जाता है। महिलाओं ने बताया कि दशामाता का पूजन करने के पीछे मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति का बुरा समय दूर हो जाता है तथा अच्छा समय आ जाता है। व्यक्ति की दशा ठीक है तो उसके सभी कार्य सफल होने लगते हैं। लेकिन जब व्यक्ति की दशा खराब होती है
उसके कार्य में बाधा आने लगती है। दशा माता की पूजा विधि विधान से करने पर व्यक्ति का बुरा समय दूर हो सकता है तथा दशा माता की कृपा सदैव बनी रहती है। इसलिए चैत्र मास की दशमी को दशा माता का व्रत किया जाता है, जिससे व्यक्ति के जीवन में चल रहा बुरा समय दूर हो सके।
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