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रायपुर : शिक्षा व्यवस्था पर संकट : छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। बस्तर और सरगुजा संभाग में स्थिति सबसे अधिक चिंताजनक है।
प्रदेश में साढ़े पांच हजार से अधिक सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जहां केवल एक ही शिक्षक पूरे स्कूल की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इनमें प्राथमिक से लेकर माध्यमिक स्तर के स्कूल शामिल हैं।
बस्तर और सरगुजा संभाग में अधिकांश स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। इन क्षेत्रों में आदिवासी बहुल इलाके होने के कारण शिक्षा का स्तर पहले से ही कमजोर है, और शिक्षकों की कमी इसे और गंभीर बना रही है।
राजधानी रायपुर में भी शिक्षा व्यवस्था पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। जिले के 20 से अधिक स्कूल ऐसे हैं, जहां सिर्फ एक शिक्षक पढ़ा रहे हैं। इसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई और परिणामों पर पड़ रहा है।
शिक्षा व्यवस्था की इस दुर्दशा का मुख्य कारण अधिकारियों की उदासीनता और शिक्षकों की भर्ती में देरी मानी जा रही है। शिक्षा विभाग द्वारा समय पर शिक्षकों की भर्ती और उचित प्रबंधन न होने से यह समस्या विकराल रूप ले रही है।
देश में शिक्षा के अधिकार (Right to Education) के तहत हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अधिकार है, लेकिन छत्तीसगढ़ में इस स्थिति ने इस अधिकार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
शिक्षा विभाग को जल्द से जल्द कदम उठाने और शिक्षकों की कमी को पूरा करने की जरूरत है, ताकि बच्चों का भविष्य सुरक्षित किया जा सके।
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