
Cloud Burst in Kishtwar
Cloud Burst in Kishtwar: किश्तवाड़ : जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चशोती इलाके में गुरुवार शाम बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई। इस प्राकृतिक आपदा में कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई, जबकि 57 से अधिक लोग घायल हुए हैं। बादल फटने से आई अचानक बाढ़ ने मचैल माता तीर्थयात्रा मार्ग को प्रभावित किया, जिससे कई तीर्थयात्री प्रभावित हुए। प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं, जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और स्थानीय पुलिस शामिल हैं।
Cloud Burst in Kishtwar: मचैल माता यात्रा के दौरान आपदा
यह घटना उस समय हुई जब चशोती गांव, जो मचैल माता तीर्थयात्रा का शुरुआती बिंदु है, भारी बारिश और बादल फटने की चपेट में आ गया। चशोती वह आखिरी गांव है, जहां तीर्थयात्री अपने वाहन पार्क करते हैं और 2,800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मचैल माता मंदिर तक पैदल यात्रा शुरू करते हैं। यह तीर्थयात्रा, जो 25 जुलाई को शुरू हुई थी और 5 सितंबर तक चलने वाली थी, जम्मू संभाग के हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है। बादल फटने से एक लंगर शेड भी बह गया, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई।
Cloud Burst in Kishtwar: प्रशासन का त्वरित बचाव अभियान
किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नरेश सिंह ने घटनास्थल का दौरा किया और बचाव कार्यों की निगरानी शुरू की। उपायुक्त ने कहा, “चशोती में अचानक बाढ़ ने भारी नुकसान पहुंचाया है। हमने तुरंत बचाव अभियान शुरू किया है, और सभी उपलब्ध संसाधनों को प्रभावित क्षेत्र में भेजा गया है।” एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं, जबकि भारतीय सेना ने भोजन और राशन की व्यवस्था की है। खराब मौसम के कारण हेलिकॉप्टर से बचाव कार्य में चुनौतियां आ रही हैं, लेकिन टीमें कठिन परिस्थितियों में भी प्रयासरत हैं।
Cloud Burst in Kishtwar: केंद्रीय और राज्य नेतृत्व की प्रतिक्रिया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा, “स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटा है। एनडीआरएफ टीमें तुरंत मौके पर पहुंची हैं। हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता का आश्वासन देते हैं।”
उपराज्यपाल कार्यालय ने अपने बयान में कहा, “किश्तवाड़ के चशोती में बादल फटने की घटना से गहरा दुख हुआ। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। सिविल, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को बचाव कार्यों में तेजी लाने और प्रभावितों को हरसंभव मदद प्रदान करने का निर्देश दिया गया है।”
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी शोक व्यक्त करते हुए कहा, “किश्तवाड़ में बादल फटने से हुई त्रासदी से गहरा दुख हुआ। जिला प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में हूं, और राहत व बचाव के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।”
Cloud Burst in Kishtwar: भारी बारिश का अलर्ट
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले 4-6 घंटों में जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश, गरज, बिजली और तेज हवाओं की चेतावनी जारी की है। कुपवाड़ा, बारामूला, बांदीपोरा, श्रीनगर, गंदेरबल, बडगाम, पुंछ, राजौरी, रियासी, उधमपुर, डोडा और किश्तवाड़ के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने बादल फटने, अचानक बाढ़, भूस्खलन और चट्टान गिरने की आशंका जताई है। लोगों को ढीली संरचनाओं, बिजली के खंभों और पुराने पेड़ों से दूर रहने की सलाह दी गई है। साथ ही, वुलर झील, डल झील और अन्य जलाशयों में नौका विहार और शिकारा गतिविधियों को स्थगित करने का निर्देश दिया गया है।
Cloud Burst in Kishtwar: नुकसान और राहत कार्य
बादल फटने से चशोती और आसपास के क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है। कई तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाला गया है, लेकिन 26 लोग अभी भी लापता हैं, और उनकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है। घायलों को अथुली के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि वह लगातार स्थिति पर नजर रख रहे हैं और प्रभावितों को हर संभव मदद प्रदान की जाएगी।
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