
Chhattisgarh News
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रायपुर, महेश कुमार साहू
Chhattisgarh News : राजधानी रायपुर में आज भी कई लोग मानसिक स्वास्थ्य से पीड़ित चौक चौराहा पर भिक्षा मांगते हुए मिल जाएंगे…
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वह मानसिक रूप से पीड़ित भी नजर आते हैं और किसी पर भी हमलावर हो जाते हैं…
जिस हिसाब से देखा जाता है कि चौराहा पर रहते हैं लेकिन पुलिस जो है इसको रेस्क्यू नहीं
कर पाती है जिसके वजह से आम लोगों पर वह अपना कहर ढहा देता है… हाल ही में
इलाज कराने आए एम्स में एक युवक ने मानसिक रूप से पीड़ित है वह दो आरक्षक पर
हमला कर दिया जिसके बाद वह घायल हो गए थे… आपको बता दें कि राजधानी रायपुर
के शंकर नगर इलाके में भिक्षुक पुनर्वास केंद्र बनाए गए हैं… समाज कल्याण, संगी मितान
सेवा संस्थान, जिला प्रशासन के द्वारा यह संचालित की जाती है… यहां मानसिक पीड़ित
लोग को वहां पर रखा जाता है वहां देखभाल के लिए… वह किस तरीके से काम करते हैं
क्या व्यवस्था रहती है एशियन न्यूज इसकी जानकारी ली… देखिए इस खास रिपोर्ट पर…
रायपुर शहर के चौक-चौराहों पर भीख मांगने वाले भिक्षुक पुनर्वास केंद्र में आत्मनिर्भर
बनाई जाती.. मानसिक पीड़ित लोगों को ब्रैंच, अगरबत्ती, कपूर धूप, मिक्सर, आचार,
पापड़ , सिलाई मशीन, जैसे गुण सिखाए जाते है… राजधानी की सड़कों पर अक्सर
भीख मांगते नजर आते थे. इन्हें रेस्क्यू कर शंकर नगर के भिक्षुक पुनर्वास केंद्र में
रखा गया है. एशियन न्यूज ने भिक्षुक केंद्र पहुंची और ये जानने की कोशिश की है
कि भिक्षुकों को किस तरह से ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है….
समाज कल्याण विभाग ने भिक्षावृत्ति के दलदल में फंसी महिलाओं का रेस्क्यू
कर रायपुर के भिक्षुक पुनर्वास केंद्र में रखा है. संगी मितान सेवा संस्थान रायपुर
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की ओर से उन्हें बीते एक माह से सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
अब ये महिलाएं प्रशिक्षण लेकर भिक्षावृत्ति के दलदल में वापस नहीं लौटना चाहतीं.
वे खुद की कमाई से दो वक्त की रोटी का इंतजाम करना चाहती हैं…
ट्रेनिंग संचालक ममता शर्मा ने बताया कि.. ”सितंबर से यहां बहुत से लोग रह रहे हैं.
सभी एक कमरे में रहते हैं. ऐसे में हमने सोचा कि जब यहां से ये महिलाएं बाहर
जाएंगी तो कैसे अपने दम पर आर्थिक रूप से मजबूत होंगी. इसी के तहत मैंने
सरकार को एक प्रपोजल भेजा है, लेकिन मेरा उद्देश्य है कि आप खुद मेहनत
करिए. फिर आप किसी से मांगिए. इसलिए मशीन खरीद कर लाना उचित समझा.
अब मशीनों के जरिए सभी को सिलाई सिखाई जा रही है. कुछ और भी चीजें
इन्हें सिखाई जा रही है, ताकि यह बाहर निकलकर खुद पैसा कमा सकें.
इसके साथ-साथ संस्था ने और भी बहुत सारे प्रपोजल तैयार किए हैं.
जिसमें दोना पत्तल, नेपकिन, टिकिया की ट्रेनिंग देने की तैयारी है.
इन उत्पादों को बनाकर ये महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हो जाएंगी..
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