रायपुर,मंत्रिमंडल का ‘बंडल: राजनीति के गलियारों में इन दिनों छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। राज्य की राजधानी रायपुर दक्षिण सीट पर उपचुनाव खत्म होते ही सत्ताधारी पार्टी भाजपा के विधायक और राजनीतिक जानकार मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सक्रिय हो गए हैं। वहीं, विपक्षी पार्टी कांग्रेस भाजपा में गुटबाजी और मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देरी पर तंज कसते हुए राजनीतिक मोर्चा संभाल रही है।
कितने मंत्री होंगे छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल में?
छत्तीसगढ़ की विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं, और प्रदेश की सरकार में अधिकतम 13 मंत्री हो सकते हैं। हालांकि, यह पूरी तरह से मुख्यमंत्री की चयन प्रक्रिया पर निर्भर करता है कि वे कितने मंत्री चुनेंगे। मुख्यमंत्री के विशेषाधिकार के तहत यह निर्णय लिया जाता है।
मुख्यमंत्री ने 13 दिसंबर 2023 को पद और गोपनीयता की शपथ ली थी, इसके बाद 22 दिसंबर को 9 मंत्रियों ने शपथ ली थी, जिससे कुल मंत्रियों की संख्या 12 हो गई। लेकिन, बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद मंत्रिमंडल में एक पद रिक्त हो गया था। इसके बाद से मंत्रिमंडल में खाली दो पदों को भरने की चर्चा शुरू हो गई है।
क्या कह रहे हैं नेता?
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, भाजपा विधायक जो मंत्री पद की आस लगाए बैठे हैं, वे अब अपनी राजनीति को और अधिक मजबूत करने में जुट गए हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस पार्टी भाजपा में गुटबाजी को विस्तार में देरी की वजह मान रही है और इसे भाजपा के अंदर हो रही असहमति से जोड़ा जा रहा है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा के अंदर अंदरूनी घमासान और गुटबाजी मंत्रिमंडल विस्तार को प्रभावित कर रही है।
भाजपा में मंत्री बनने की होड़
राज्य की भाजपा सरकार के विधायक और वरिष्ठ नेता मंत्रिमंडल में जगह बनाने के लिए जोरदार प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही, राजनीति के जानकार भी मंत्रिमंडल के संभावित विस्तार के बारे में कयास लगा रहे हैं। उपचुनाव में भाजपा की जीत के बाद मंत्रिमंडल में विस्तार की संभावना और भी बढ़ गई है।
क्या हैं आगामी कदम?
जैसे-जैसे 13 दिसंबर का समय नजदीक आ रहा है, छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल के विस्तार के कयासों में इजाफा होता जा रहा है। आगामी दिनों में प्रदेश में भाजपा सरकार के लिए यह एक महत्वपूर्ण निर्णय साबित हो सकता है, और राजनीतिक दल अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
