Chhath Puja 2024 :आज सुबह, पूरे देश में श्रद्धालु और व्रती महिलाएं महापर्व छठ के अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर रही हैं। यह पर्व विशेष रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
छठ पूजा का महत्व:
- अर्घ्य देने की परंपरा: चार दिवसीय इस पर्व का समापन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होता है, जो कि व्रति महिलाओं द्वारा संतान सुख और परिवार की खुशहाली के लिए किया जाता है।
- संगीत और उत्सव: घाटों पर छठ गीतों की गूंज सुनाई दे रही है, जैसे “कांचे ही बांसा के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए…”। श्रद्धालु यमुना नदी के किनारे और अन्य घाटों पर एकत्रित होकर इस पावन अवसर का आनंद ले रहे हैं।
आयोजन स्थल:
- देशभर में नदियों के किनारे और कृत्रिम घाटों पर श्रद्धालु जुटे हैं।
- दिल्ली में भी कई घाटों पर विशेष व्यवस्था की गई है, जहां व्रति महिलाएं अपनी श्रद्धा और भक्ति के साथ सूर्य देव की पूजा कर रही हैं।
सुरक्षा और व्यवस्थाएँ:
- घाटों पर मेलों का आयोजन हो रहा है, जिससे श्रद्धालुओं को पूजा करने में कोई कठिनाई न हो।
इस प्रकार, आज का दिन छठ महापर्व का अंतिम दिन है, जो श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। सभी व्रति महिलाएं अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित कर रही हैं।
Discover more from ASIAN NEWS BHARAT
Subscribe to get the latest posts sent to your email.