
CG News : शराब दुकान और खुलेआम अवैध बिक्री से रहवासी परेशान, पार्षद ने कलेक्टर और आबकारी उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन...
CG News : मंदिर हसौद। नगर पालिका परिषद मंदिर हसौद के नकटी मार्ग पर स्थित शराब दुकान और क्षेत्र में खुलेआम हो रही अवैध शराब बिक्री ने स्थानीय निवासियों का जीना मुहाल कर दिया है। इस मुद्दे को लेकर क्षेत्रीय पार्षद और अधिवक्ता अनुज मिश्रा ने जिला कलेक्टर और आबकारी उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर शराब दुकान के स्थानांतरण और अवैध शराब बिक्री पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।
CG News : बता दें कि नकटी मार्ग पर स्थित देशी शराब दुकान, जहां पिछले ढाई साल से बिना लाइसेंस के अंग्रेजी शराब की बिक्री भी हो रही है, घनी आबादी वाले क्षेत्र में संचालित हो रही है। यह दुकान वार्ड नंबर 12, 13 (श्रीराम नगर) और जुन्नाडीह वार्ड नंबर 14 के करीब है, जिसके कारण आसपास के परिवारों पर इसका गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। शराब खरीदने वाले लोग आसपास की गलियों, मोहल्लों और सार्वजनिक स्थानों पर खुलेआम शराब पीते हैं, जिससे महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा खतरे में है।
CG News : पार्षद अनुज मिश्रा ने अपनी शिकायत में बताया कि शराब दुकान के आसपास एक किलोमीटर के दायरे में अवैध चखना और रेडी दुकानें खुल गई हैं, जो शराब नीति के नियमों का उल्लंघन करती हैं। इन गतिविधियों ने क्षेत्र में नशाखोरी को बढ़ावा दिया है, जिसके कारण कम उम्र के बच्चे भी शराब के आदी हो रहे हैं। कई परिवारों में अशांति, झगड़े और मानसिक तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। कुछ परिवार तो नशे की लत के कारण बर्बादी की कगार पर पहुंच चुके हैं। पार्षद ने यह भी आरोप लगाया कि क्षेत्र में अवैध शराब बिक्री खुले तौर पर हो रही है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों और आबकारी विभाग की मिलीभगत के कारण कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही।
CG News : इसके उलट, अवैध शराब कोचियों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे यह धंधा और फल-फूल रहा है। पार्षद अनुज मिश्रा ने ज्ञापन में कहा कि नकटी मार्ग, नहर किनारे स्थित देशी और अंग्रेजी शराब दुकान को रहवासी क्षेत्र से किसी एकांत स्थान पर स्थानांतरित किया जाए। क्षेत्र में हो रही अवैध शराब बिक्री पर सख्त कार्रवाई करते हुए दोषियों को जेल भेजा जाए। शराब दुकान के एक किलोमीटर के दायरे में संचालित अवैध चखना और रेडी दुकानों पर तत्काल रोक लगाई जाए। पार्षद ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही इन मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो स्थानीय निवासी आंदोलन करने को मजबूर होंगे।