
CG News: रायपुर। छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री एवं नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने सोमवार को राजधानी रायपुर के होटल बेबीलॉन इंटरनेशनल में दो दिवसीय ‘नगर सुराज संगम’ कार्यशाला का शुभारंभ किया। नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा आयोजित इस प्रबोधन कार्यक्रम में प्रदेश के सभी नगर निगमों के महापौर, सभापति, एमआईसी सदस्य, आयुक्त और वरिष्ठ अभियंता शामिल हुए।
CG News: नगर सुराज संगम कार्यशाला में नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को आगामी पांच वर्षों के लिए नगरीय विकास की कार्ययोजना तैयार करने मंथन करना है। कार्यशाला में नगरीय प्रशासन विभाग और स्टेट अर्बन डेवलपमेंट एजेंसी (SUDA) की योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी जा रही है। उप मुख्यमंत्री साव ने सभी महापौरों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के अध्यक्षों को व्यक्तिगत रूप से पत्र लिखकर इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था।
CG News: विकास के लिए योजना और उपयोगिता जरूरी
कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए उप मुख्यमंत्री साव ने कहा, बड़े-बड़े भवन बनाना विकास नहीं है। विकास के लिए हर चीज की उपयोगिता और आवश्यकता को समझकर योजनाबद्ध तरीके से काम करना जरूरी है।” उन्होंने जनप्रतिनिधियों से जनता द्वारा दी गई जिम्मेदारी को गंभीरता से निभाने की अपील की, क्योंकि उनका शहर की हर गली और नागरिक से सीधा जुड़ाव है।
CG News: जल संकट और संरक्षण पर जोर
उप मुख्यमंत्री ने जल संकट की गंभीरता पर ध्यान दिलाते हुए कहा, जल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है और रेन हार्वेस्टिंग को प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया जा सका है। इसके लिए जनभागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने पुराने कुओं का सर्वेक्षण कर जल संरक्षण की कार्ययोजना तैयार करने और हर घर में नल जल पहुंचाने के साथ-साथ मोहल्लों में टैंक और सेवा केंद्र स्थापित करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
CG News: सरकार तुंहर द्वार की तर्ज पर सेवा केंद्र
शहरों में टिकाऊ विकास और विविधता को बढ़ावा देने की बात करते हुए साव ने कहा, “हम ‘सरकार तुंहर द्वार’ की तर्ज पर प्रत्येक क्षेत्र में सेवा केंद्र स्थापित करेंगे, ताकि लोगों को नगर निगम के चक्कर न काटने पड़ें। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना और गरीबों के लिए आवास उपलब्धता पर जोर देते हुए कहा, “गरीबों की भलाई के लिए योजनाएं बनती हैं, लेकिन उन्हें जमीन पर उतारना हमारी जिम्मेदारी है। प्राकृतिक आपदाओं के प्रति चिंता जताते हुए साव ने कहा, शहरों में आपदा कभी भी आ सकती है। तालाबों और सड़कों की स्थिति देखकर दुख होता है। इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए ठोस योजना बनाकर काम करना होगा।