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CG News: रायपुर। छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति और परंपराओं को देश-विदेश में पहचान दिलाने वाले सुप्रसिद्ध लोक गायक राजेंद्र रंगीला को नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें छत्तीसगढ़ी लोक संगीत और संस्कृति के क्षेत्र में किए गए असाधारण योगदान के लिए प्रदान किया गया।
राजेंद्र रंगीला रायपुर जिले के ग्राम कुटेशर (आरंग) के निवासी हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ की लोकगाथाओं, परंपरागत गीतों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के जरिए राज्य की समृद्ध विरासत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। उनकी गायन शैली, गीतों की प्रस्तुति और सामाजिक चेतना से जुड़े विषयों ने उन्हें जनमानस में अत्यंत लोकप्रिय बना दिया है।
CG News: पहले भी मिल चुके हैं बड़े सम्मान
इससे पहले उन्हें वर्ष 2024 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा “गुरु घासीदास राज्य अलंकरण” से नवाजा जा चुका है। उन्होंने 40 से अधिक लोक कलाकारों की टोली के साथ देश-विदेश में छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति को प्रस्तुत करते हुए अनेक मंचों पर लोगों को मंत्रमुग्ध किया है। उनकी प्रस्तुतियों ने छत्तीसगढ़ की माटी की खुशबू को विश्वभर में फैलाने में अहम भूमिका निभाई है।
CG News: रंगीला का भावुक संबोधन
सम्मान ग्रहण करते हुए राजेंद्र रंगीला ने कहा “यह सम्मान केवल मेरे लिए नहीं है, यह छत्तीसगढ़ की मिट्टी, इसकी परंपराएं और लोक आत्मा के लिए है। यह मुझे और अधिक समर्पण के साथ काम करने की प्रेरणा देता है। मैं चाहता हूं कि हमारी आने वाली पीढ़ी भी अपनी जड़ों से जुड़ी रहे।”
CG News: सांस्कृतिक क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि
इस मौके पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों और सांस्कृतिक जगत से जुड़े विद्वानों ने राजेंद्र रंगीला की सराहना करते हुए उन्हें छत्तीसगढ़ी लोक संगीत का “सांस्कृतिक दूत” बताया। समारोह में यह माना गया कि रंगीला का यह सम्मान छत्तीसगढ़ की लोक कला और लोक कलाकारों की सामूहिक पहचान को नई ऊंचाई देगा।