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CG News: कवर्धा/रायपुर। सावन मास के तीसरे सोमवार को छत्तीसगढ़ की पुण्यभूमि बाबा भोरमदेव मंदिर में आस्था, भक्ति और श्रद्धा का महासंगम देखने को मिला। हजारों कांवड़ियों और शिवभक्तों की उपस्थिति में यह ऐतिहासिक तीर्थस्थल एक बार फिर आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हो गया, जब प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कर श्रद्धालुओं का भव्य स्वागत किया।
यह लगातार दूसरा वर्ष है जब मुख्यमंत्री ने स्वयं पुष्पवर्षा कर शिवभक्तों का अभिनंदन किया। इस पुण्य अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और अरुण साव भी मौजूद रहे। पुष्पवर्षा के बाद मुख्यमंत्री ने मंदिर पहुंचकर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विशेष पूजा-अर्चना, रुद्राभिषेक कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और शांति की कामना की।
पंडरिया विधायक भावना बोहरा को सम्मानित किया
मुख्यमंत्री साय ने इस मौके पर 151 किलोमीटर की पदयात्रा कर अमरकंटक से भोरमदेव पहुंचने वाली पंडरिया विधायक भावना बोहरा को भगवा वस्त्र और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से आत्मीय मुलाकात कर उनका हालचाल जाना और प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत पर गर्व जताया।
भोरमदेव कॉरिडोर को मिलेगा नया रूप
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के अंतर्गत 146 करोड़ रुपये की लागत से भोरमदेव कॉरिडोर विकास परियोजना को मंजूरी मिली है। यह परियोजना न सिर्फ मंदिर परिसर का कायाकल्प करेगी, बल्कि मड़वा महल, छेरकी महल, रामचुवा और सरोदा जलाशय को मिलाकर एक समग्र धार्मिक-पर्यटन कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाएगा।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मध्यप्रदेश के अनूपपुर में 5 एकड़ भूमि आबंटन की प्रक्रिया चल रही है, जहां एक विशाल श्रद्धालु भवन बनाया जाएगा। इससे अमरकंटक से आने वाले श्रद्धालुओं को ठहरने और सुविधाओं की बेहतर व्यवस्था मिल सकेगी।
भक्ति से सराबोर हुआ बाबा भोरमदेव मंदिर परिसर
कवर्धा से 18 किमी दूर स्थित 11वीं शताब्दी का भोरमदेव मंदिर हर वर्ष सावन मास में शिवभक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र बनता है। कबीरधाम, मुंगेली, बेमेतरा, खैरागढ़, राजनांदगांव से लेकर मध्यप्रदेश के अमरकंटक तक से हज़ारों श्रद्धालु नर्मदा जल लेकर “बोल बम” के जयघोष और भक्ति भजनों के साथ नंगे पांव पदयात्रा करते हुए यहां पहुंचते हैं।
श्रद्धालु बाबा भोरमदेव, जलेश्वर महादेव, बूढ़ा महादेव और पंचमुखी शिवलिंग में जलाभिषेक कर अपनी आस्था व्यक्त करते हैं। यह यात्रा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान और सामूहिक आस्था की प्रतीक बन गई है।
मुख्यमंत्री का संदेश
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा,”बाबा भोरमदेव की पावन धरती पर शिवभक्तों के बीच होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। यहां की सांस्कृतिक विरासत, श्रद्धा और संकल्प को देखकर गर्व होता है। यह स्थल अब विश्वस्तरीय धार्मिक-पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होगा, जिससे स्थानीय लोगों को भी रोज़गार और सम्मान मिलेगा।”