
BITS Pilani
BITS Pilani : नई दिल्ली : भारत की प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्था बिरला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान (BITS), पिलानी शिक्षा क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर स्थापित करने जा रही है। संस्थान के कुलाधिपति और आदित्य बिरला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिरला ने घोषणा की है कि आंध्र प्रदेश के अमरावती में 1,000 करोड़ रुपये के निवेश से एक अत्याधुनिक AI+ परिसर की स्थापना की जाएगी। यह परियोजना न केवल शैक्षणिक अधोसंरचना को नया रूप देगी, बल्कि भारत में तकनीकी शिक्षा को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगी।
दो चरणों में होगा निर्माण
यह नया परिसर करीब 35 एकड़ भूमि में फैला होगा और 2027 तक पूरी तरह कार्यशील होने की उम्मीद है। इसे दो चरणों में विकसित किया जाएगा, और अंततः इसमें 7,000 से अधिक छात्रों को नामांकित किया जाएगा। यहां AI, मशीन लर्निंग, नवाचार, रणनीति जैसे उन्नत तकनीकी विषयों में स्नातक और परास्नातक कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
मौजूदा ढांचे और शोध
BITS पिलानी केवल नए परिसर तक सीमित नहीं है। संस्थान ने अपने मौजूदा भौतिक ढांचे को और अधिक उन्नत करने के लिए ₹1,219 करोड़ के निवेश की योजना बनाई है। कुलपति वी. रामगोपाल राव ने बताया कि यह निवेश अनुसंधान, नवाचार और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। इससे संस्थान की दीर्घकालिक शोध क्षमताएं और अकादमिक गुणवत्ता सुदृढ़ होगी।
लॉन्च हुआ BITS पिलानी डिजिटल प्लेटफॉर्म
BITS ने अपना खुद का एजुकेशन टेक प्लेटफॉर्म ‘BITS Pilani Digital’ भी लॉन्च किया है। यह पूरी तरह से उद्योग-केंद्रित कार्यक्रमों पर आधारित होगा। अगले पांच वर्षों में यह प्लेटफॉर्म 11 डिग्री और 21 सर्टिफिकेट कोर्स सहित कुल 32 नए कार्यक्रम शुरू करेगा। यह पहल डिजिटल शिक्षा की दिशा में एक दूरगामी कदम है।
कुमार मंगलम बिरला का विजन
बिरला ने इस परियोजना को “एक परिवर्तनकारी पारिस्थितिकी तंत्र” करार देते हुए कहा “ये प्रयास सिर्फ विस्तार नहीं हैं, बल्कि शिक्षार्थियों को सशक्त बनाने, नवाचार को प्रोत्साहित करने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने की दिशा में हैं।” उन्होंने स्पष्ट किया कि यह महज़ एक एड-टेक प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि BITS की गुणवत्ता और नवाचार को हर घर तक पहुंचाने का प्रयास है।
BITS पिलानी ने 2030 तक भारत के टॉप 5 और वैश्विक टॉप 100 शैक्षणिक संस्थानों में शामिल होने का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में संस्थान शिक्षा, अनुसंधान, नवाचार और प्रौद्योगिकी के नए मानक स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है।