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म्यूल बैंक अकाउंट्स : नोटबंदी के बाद सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जो साइबर ठगी और अवैध गतिविधियों में संलिप्त मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ है। अब ‘म्यूल’ बैंक अकाउंट्स पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ये अकाउंट्स फर्जी तरीके से बनाए जाते हैं और इनका इस्तेमाल अपराधी साइबर अपराधों से प्राप्त धन और अवैध गतिविधियों से कमाई गई रकम को छिपाने के लिए करते हैं।
म्यूल बैंक अकाउंट्स क्या हैं?
म्यूल अकाउंट्स ऐसे बैंक अकाउंट्स होते हैं, जिनका इस्तेमाल अपराधी या ठग अवैध रूप से धन को एक खाता से दूसरे खाते में ट्रांसफर करने के लिए करते हैं। इन अकाउंट्स को बनाने के लिए कई बार फर्जी पहचान का इस्तेमाल किया जाता है या फिर किसी निर्दोष व्यक्ति को धोखे से इस काम में शामिल किया जाता है। ये अकाउंट्स किसी बैंक शाखा में जाकर खोले जाते हैं, लेकिन अकाउंट का असल उपयोग किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किया जाता है।नई सरकार की रणनीति
अब सरकार ने म्यूल अकाउंट्स के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। इन अकाउंट्स पर ध्यान केंद्रित करने के लिए विशेष निगरानी और तकनीकी उपायों को लागू किया जाएगा। बैंक अब उन लेन-देन पर नजर रखेंगे, जिनमें संदिग्ध रूप से बड़ी रकम का ट्रांसफर होता है या अनधिकृत तरीके से पैसे भेजे जाते हैं। इस फैसले के जरिए सरकार का उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य वित्तीय अपराधों को रोकना है।इस निर्णय का प्रभाव
इस फैसले का सीधा असर वित्तीय अपराधों और धोखाधड़ी पर पड़ेगा। अपराधी अक्सर म्यूल अकाउंट्स का उपयोग करके अवैध धन को अपनी पहचान से अलग कर देते हैं, जिससे यह पगमार्क की तरह छिपा रहता है। अब जब सरकार ने इन अकाउंट्स पर शिकंजा कसने का फैसला लिया है, तो यह उनके लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। बैंकिंग प्रणाली में सुधार के साथ-साथ, यह कदम पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देगा, जिससे अवैध वित्तीय लेन-देन पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।बड़ी तस्वीर
नोटबंदी के बाद, सरकार की प्राथमिकता काले धन और अवैध लेन-देन पर काबू पाना है। डिजिटल भुगतान के बढ़ते उपयोग और कड़े बैंकिंग नियमों के साथ-साथ, अब म्यूल अकाउंट्स पर कार्रवाई यह सुनिश्चित करेगी कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली में वित्तीय अपराधों को न बढ़ने दिया जाए। इस निर्णय से बैंकिंग व्यवस्था और अधिक मजबूत होगी, और अवैध गतिविधियों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।Discover more from ASIAN NEWS BHARAT
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