
AIIMS के वैज्ञानिकों की कैंसर इलाज में बड़ी खोज, B-टाइप लैमिन्स हो सकते हैं गेम-चेंजर...
नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के वैज्ञानिकों ने हाल ही में कैंसर के इलाज में एक बड़ी खोज की है, जो इलाज और निदान के क्षेत्र में एक नई उम्मीद जगा सकती है। AIIMS के बायोकैमिस्ट्री विभाग के डॉ. शुभदीप कुंडु और उनके मार्गदर्शक डॉ. अशोक शर्मा ने इस अध्ययन को किया है, जो मेमलियन जीनोम (स्प्रिंगर नेचर पब्लिकेशन) में प्रकाशित हुआ है।
इस शोध में यह पाया गया है कि B-टाइप लैमिन्स, विशेष रूप से लैमिन B1 और लैमिन B2, कैंसर के रोगियों की जीवित रहने की संभावना और रोग के विकास पर गहरा प्रभाव डालते हैं। लैमिन्स वे प्रोटीन हैं जो कोशिका के नाभिक (nucleus) को संरचना और स्थिरता प्रदान करते हैं। शोध में यह स्पष्ट हुआ है कि इन दोनों लैमिन्स का उच्च स्तर कैंसर के रोगियों के लिए खतरे का संकेत हो सकता है। जिन रोगियों में लैमिन B1 और B2 का उच्च स्तर पाया गया, उनकी जीवन अवधि में कमी देखी गई और उनकी स्थिति अधिक घातक साबित हुई।
लैमिन B1 और B2 का कैंसर ट्यूमर से संबंध
इस अध्ययन में यह भी पाया गया कि लैमिन B1 और B2 कैंसर के ट्यूमर माइक्रोइंवायरमेंट से जुड़े होते हैं। लैमिन B1 का सीधा संबंध CD4+ T-सेल्स और टाइप-2 T-हेल्पर सेल्स (Th2) से है, जो कैंसर में इम्यून कोशिकाओं की भूमिका और प्रतिक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं। वहीं, लैमिन B2 का प्रभाव कम था, लेकिन यह इम्यून कोशिकाओं से कुछ हद तक जुड़ा हुआ पाया गया।
नए इलाज के रूप में लैमिन्स का महत्व
AIIMS के वैज्ञानिकों का मानना है कि B-टाइप लैमिन्स कैंसर के इलाज में नए लक्ष्य के रूप में कार्य कर सकते हैं। अगर इन प्रोटीनों को नियंत्रित करने के तरीके विकसित किए जाएं, तो कैंसर के इलाज में सफलता मिल सकती है। यह खोज कैंसर रोगियों और चिकित्सा समुदाय के लिए एक नई आशा की किरण है। यदि लैमिन्स की भूमिका को और बेहतर समझा जाए, तो यह कैंसर के डायग्नोसिस और उपचार में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।
यह शोध न केवल कैंसर के इलाज में संभावनाओं को खोलेगा, बल्कि यह बायोमार्कर के रूप में भी काम कर सकता है, जो रोगी की स्थिति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकता है। AIIMS के वैज्ञानिकों की यह खोज कैंसर के इलाज के नए अध्याय की शुरुआत साबित हो सकती है।