
Bengal School Job Scam: पश्चिम बंगाल स्कूल नौकरी घोटाले में CBI का नया आरोप पत्र, 'अभिषेक बनर्जी' का नाम आया सामने....
कोलकाता। Bengal School Job Scam: पश्चिम बंगाल में स्कूल नौकरी घोटाले को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने इस घोटाले में तीसरा पूरक आरोपपत्र दायर किया है, जिसमें 2017 में रिकॉर्ड की गई एक ऑडियो फाइल का हवाला दिया गया है। इस बातचीत में किसी अभिषेक बनर्जी का नाम लिया गया है, जिन्होंने कथित रूप से अवैध नियुक्तियों के लिए 15 करोड़ रुपये मांगे थे।
हालांकि, CBI ने आरोपपत्र में यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह ‘अभिषेक बनर्जी’ कौन हैं। लेकिन यह नाम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी से मिलता है। अतीत में भी विपक्ष ने उन पर इस घोटाले में शामिल होने के आरोप लगाए हैं।
CBI के आरोप और घोटाले की गूंज
CBI ने 21 फरवरी को यह 28 पृष्ठों का आरोपपत्र दायर किया था, जिसमें सुजय कृष्ण भद्र उर्फ ‘कालीघाटर काकू’ और दो अन्य को शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET), 2014 के माध्यम से राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की अवैध भर्ती के लिए दोषी ठहराया गया है।
सीबीआई ने भद्र को ‘लीप्स एंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड’ कंपनी का मुख्य परिचालन अधिकारी (COO) बताया है। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अभिषेक बनर्जी को इस कंपनी के CEO के रूप में नामित किया था।
Bengal School Job Scam: 2017 की मीटिंग का जिक्र
CBI के अनुसार, 2017 में भद्र के बेहाला स्थित घर में एक बैठक हुई थी, जिसमें आरोपी कुंतल घोष, शांतनु बनर्जी, अरबिंद रॉय बर्मन और सुरजीत चंदा मौजूद थे। कुंतल घोष के निर्देश पर, उनके कर्मचारी अरबिंद रॉय बर्मन ने इस बैठक की बातचीत अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड की थी और इसे अपने लैपटॉप में ट्रांसफर कर दिया था। जांच के दौरान CBI ने यह ऑडियो फाइल बरामद की है।
अभिषेक बनर्जी का जवाब – ‘मुझे फंसाने की साजिश’
CBI के आरोपपत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए अभिषेक बनर्जी ने इसे ‘राजनीतिक बदले की कार्रवाई’ बताया। उनके वकील संजय बसु ने बयान जारी कर कहा,
“CBI ने बिना किसी ठोस सबूत के यह आरोपपत्र पेश किया है। यह पूरी तरह से भ्रामक और निराधार है। मेरे मुवक्किल को जानबूझकर परेशान करने और फंसाने की कोशिश की जा रही है।”
Bengal School Job Scam: राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज
इस नए आरोपपत्र के बाद TMC और BJP के बीच राजनीतिक टकराव बढ़ने की संभावना है। तृणमूल कांग्रेस ने इसे केंद्र सरकार की साजिश करार दिया, जबकि विपक्ष ने इस मामले में निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।