Sheikh Hasina: ढाका। बांग्लादेश की अंतर्राष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल (ICT) ने पूर्व पीएम शेख हसीना को कथित तौर पर मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी करार दिया है और उन्हें मौत की सजा दी गई है।
Sheikh Hasina: शेख हसीना को तीन आरोपों में दोषी पाया गया है और मौत की सजा सुनाई गई है। बांग्लादेश की अंतर्राष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल ने कहा तीनों आरोपों के लिए हमने एक ही मौत की सजा देने का फैसला किया है।
Sheikh Hasina: अंतर्राष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल ने जस्टिस मोहम्मद गुलाम मुर्तजा मजूमदार की अगुआई में 453 पन्नों और 6 हिस्सों में बंटे फैसले में शेख हसीना को फांसी की सजा सुनाई है। अदालत की इस घोषणा के साथ ही कोर्ट में लोगों ने तालियां बजाई।
Sheikh Hasina: ICT ने शेख हसीना को जिन तीन अपराधों के तहत दोषी करार दिया है और मौत की सजा सुनाई है, इनमें भड़काना, हिंसा के लिए आदेश देना और अत्याचारों को रोकने में असफल रहना शामिल है।
Sheikh Hasina: तीन आरोपों में दोषी
1. निहत्थे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ घातक बल प्रयोग का आदेश देना
2. भड़काऊ बयान देना
3. और ढाका तथा आसपास के क्षेत्रों में कई छात्रों की हत्या के लिए कार्रवाई को अधिकृत करना
Sheikh Hasina: अदालत ने कहा है कि शेख हसीना का वो आदेश जब उन्होंने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ ड्रोन, हेलिकॉप्टर और खतरनाक हथियार इस्तेमाल करने का आदेश दिया। बांग्लादेश की ट्रिब्यूनल ने कहा कि शेख हसीना ने लोगों को भड़काया है। कोर्ट ने कहा कि शेख हसीना ने लोगों को भड़काया, वह निवारक और दंडात्मक उपाय करने में फेल रहीं।
Sheikh Hasina: ICT ने कहा कि शेख हसीना ने ड्रोन और हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल करके मानवता के विरुद्ध अपराध किए। अदालत ने पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को उकसाने का दोषी पाया गया। अदालत ने कहा कि पूर्व गृह मंत्री और पुलिस महानिरीक्षक अत्याचारों को रोकने में विफल रहे।
Sheikh Hasina: ICT ने कहा कि शेख हसीना सर्वोच्च कमांडर थीं। यह स्पष्ट है कि शेख हसीना का गृह मंत्री और पुलिस महानिरीक्षक पर हाई कंट्रोल था। प्रदर्शनकारियों पर अत्याचारों को रोकने के लिए उपाय करना उनकी जिम्मेदारी थी। कोर्ट ने माना कि गृह मंत्री के पास पुलिस महानिरीक्षक पर उच्च कमान थी और उन्हें अत्याचार करने से रोकने की ज़िम्मेदारी उनकी थी, उन्हें सज़ा मिलनी चाहिए।
Sheikh Hasina: बता दें कि बांग्लादेश की अंतर्राष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल (ICT ) पिछले साल जुलाई में हुए कथित आंदोलन के मामले में तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा चला रही थी। इनमें पूर्व पीएम शेख हसीना, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस चौधरी अब्दुल्ला अल मामून शामिल हैं। इस मामले में असदुज्जमां भगोड़ा है जबकि मामून हिरासत में है।
Sheikh Hasina: ‘पक्षपातपूर्ण और राजनीति से प्रेरित’ फैसला:शेख हसीना
बता दें कि शेख हसीना अगस्त 2025 के बाद से ही बांग्लादेश छोड़कर भारत में रह रही हैं। इस फैसले के बाद शेख हसीना ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ये फैसला ‘पक्षपातपूर्ण और राजनीति से प्रेरित’ है। उन्होंने कहा कि ये फैसला बिना किसी लोकतांत्रिक जनादेश वाले एक ‘धांधलीपूर्ण’ न्यायाधिकरण ने दिया है।
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