
B-2 Stealth Bomber
B-2 Stealth Bomber: नई दिल्ली/वॉशिंगटन: ईरान और इजरायल के बीच जारी तनाव के बीच अमेरिका ने मध्य पूर्व में अपनी सैन्य सक्रियता तेज कर दी है। परमाणु विवाद और संभावित युद्ध की आहट के बीच, अमेरिका ने अपनी सबसे एडवांस और घातक मानी जाने वाली हवाई शक्ति को तैनात करने का निर्णय लिया है।
व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस (मिसौरी) से चार B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर और आठ KC-135 टैंकर विमानों ने उड़ान भरी है। ये विमान GBU-57 बंकर बस्टर जैसे शक्तिशाली बमों से लैस हैं, जो जमीन के नीचे छिपे दुश्मनों के ठिकानों को नष्ट करने में सक्षम हैं।
B-2 Stealth Bomber: डिएगो गार्सिया बना रणनीतिक केंद्र
इन विमानों की तैनाती हिंद महासागर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे डिएगो गार्सिया पर की जा रही है, जो भारत के निकट है और पूरे मिडिल ईस्ट को लक्ष्य पर रखने की क्षमता रखता है। अमेरिकी रणनीति के जानकारों के मुताबिक यह कदम सिर्फ एक सैन्य अभ्यास नहीं, बल्कि रणनीतिक पुनर्संरेखण (Strategic Repositioning) का हिस्सा हो सकता है।
B-2 Stealth Bomber: गुप्त मिशन “MYTEE21”
सूत्रों के मुताबिक इस मिशन को ‘MYTEE21’ कोड नाम दिया गया है, जिसे पहले भी अत्यंत गोपनीय अभियानों में उपयोग किया जा चुका है। इन विमानों की उड़ान बेहद अल्ट्रा-लॉन्ग रेंज है, जिसमें आठ टैंकर विमान हवा में ईंधन भरने का कार्य कर रहे हैं।
B-2 Stealth Bomber: हमले की तैयारी या दबाव की रणनीति
अब तक पेंटागन ने इस तैनाती पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन जिस तरह की तैयारी और विमानों का चयन हुआ है, उससे यह अटकलें तेज हो गई हैं कि अमेरिका, ईरान के फोर्डो परमाणु संयंत्र या अन्य भूमिगत ठिकानों पर संभावित हमला कर सकता है।
B-2 Stealth Bomber: B-2 बॉम्बर की ताकत
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रडार से बच निकलने में सक्षम
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11,000 किमी से अधिक रेंज
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18 टन तक हथियार ले जाने की क्षमता
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रडार पर एक छोटे पक्षी के आकार जितना नजर आता है
इन विमानों के ज़रिए अमेरिका, ईरान के उन गहरे भूमिगत परमाणु ठिकानों को भी नष्ट कर सकता है जिन्हें सामान्य बम या मिसाइलों से नष्ट करना संभव नहीं होता।
B-2 Stealth Bomber: वैश्विक तनाव चरम पर
ईरान पहले ही इजरायल पर मिसाइलों की बौछार कर चुका है, और जवाब में इजरायल ने भी UAV कमांडर सहित ईरानी ठिकानों पर जवाबी हमले किए हैं। अमेरिका की ये सैन्य तैनाती इस संघर्ष को और उग्र कर सकती है, जिससे मध्य पूर्व ही नहीं, पूरी दुनिया पर युद्ध का संकट गहराने की आशंका है।