
Ayushman Bharat Scheme: आयुष्मान भारत योजना से 600 से ज्यादा निजी अस्पतालों ने छोड़ा नाता, जानें प्रमुख कारण...
नई दिल्ली: Ayushman Bharat Scheme: आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) से अब तक 600 से अधिक निजी अस्पताल अलग हो चुके हैं। अस्पतालों के हटने का मुख्य कारण भुगतान में देरी और कम प्रतिपूर्ति दर बताई जा रही है। गुजरात में 233, केरल में 146 और महाराष्ट्र में 83 अस्पतालों ने इस योजना से नाम वापस ले लिया है। स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने राज्यसभा में बताया कि अब तक कुल 609 निजी अस्पताल योजना से बाहर हो चुके हैं।
Ayushman Bharat Scheme: ₹5 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा, लेकिन भुगतान में देरी से परेशानी
इस योजना के तहत प्रति परिवार ₹5 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध है। देशभर में 31,805 अस्पताल इस योजना से जुड़े हुए हैं, जिनमें 14,394 निजी अस्पताल हैं। हालांकि, कई निजी अस्पतालों का कहना है कि कम दरों और भुगतान में देरी की वजह से उनकी वित्तीय स्थिति प्रभावित हो रही है। एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स ऑफ इंडिया के महानिदेशक गिरधर ग्यानी के अनुसार, तृतीयक देखभाल (टर्शरी केयर) देने वाले अस्पतालों को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
Ayushman Bharat Scheme: 2023-24 में 174 अस्पतालों ने छोड़ा योजना
आंकड़ों के मुताबिक, 2023-24 में 174 निजी अस्पताल इस योजना से बाहर हो गए। निजी अस्पतालों की शिकायत है कि दावों की जांच में देरी होती है और उन्हें केवल 10-15% भुगतान ही मिल पाता है। हरियाणा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भी फरवरी में ₹400 करोड़ के बकाया भुगतान के कारण सेवाएं निलंबित कर दी थीं।
Ayushman Bharat Scheme: समिति ने समय पर भुगतान की सिफारिश की
मार्च 2024 में नीति आयोग के वीके पॉल की अध्यक्षता में बनी एक समिति ने इस योजना में पारदर्शिता और समय पर भुगतान की सिफारिश की थी। इस योजना का विस्तार 12.34 करोड़ परिवारों तक हो चुका है, जिसमें वरिष्ठ नागरिक और आशा कार्यकर्ता भी शामिल हैं। हालांकि, छोटे अस्पतालों पर इसका वित्तीय बोझ लगातार बढ़ रहा है, जिससे वे इसे जारी रखने में असमर्थ हो रहे हैं।
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