
Akshaya Tritiya 2024 : कब हैं अक्षय तृतीया, जानें इससे जुड़ी खास बातें....
Akshaya Tritiya 2024 :
Akshaya Tritiya 2024 : अक्षय तृतीया पर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. इस दिन लोग समृद्धि, सौभाग्य, और खुशियों की कामना करते हैं. इस दिन धार्मिक और सामाजिक कार्यों को भी किया जाता है. धर्मिक दृष्टि से, इस दिन को समर्पित किया जाता है और लोग दान पूजा-अर्चना करते हैं.इस साल अक्षय तृतीया 10 मई को मनाया जायेगा
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अक्षय तृतीया से जुड़ी खास बातें
Akshaya Tritiya 2024 : भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम का जन्म इस दिन हुआ था. भगवान वेद व्यास का जन्म भी इसी दिन हुआ था. गंगा नदी पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं.
भगवान ऋषभदेव (पहले तीर्थंकर) का जन्म इस दिन हुआ था. भगवान महावीर (24वें तीर्थंकर) को ज्ञान प्राप्ति हुई थी.

छठे गुरु हरगोबिंद सिंह जी का जन्म इस दिन हुआ था.
यह हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान विष्णु के छठे अवतार, परशुराम के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है. भगवान कृष्ण और राधा का विवाह भी इसी दिन हुआ था. गंगा नदी को धरती पर लाने के लिए भगवान भगीरथ ने इसी दिन तपस्या की थी.
अक्षय तृतीया को दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है. इस दिन किए गए दान को अक्षय माना जाता है, जिसका अर्थ है कि इसका फल अनंत काल तक मिलता रहता है. सोना, चांदी, तांबे, वस्त्र, अनाज आदि का दान करना शुभ माना जाता है.
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इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं. घरों में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है. गाय, कन्या, पीपल, तुलसी आदि की पूजा भी की जाती है.
Akshaya Tritiya 2024
अक्षय तृतीया को सोना और चांदी खरीदना शुभ माना जाता है. लोग इस दिन नए कपड़े, गहने और अन्य सामान भी खरीदते हैं. माना जाता है कि इस दिन की गई खरीदारी से धन-वैभव में वृद्धि होती है.
अक्षय तृतीया को तीर्थयात्रा करना भी बहुत शुभ होता है. लोग इस दिन प्रयागराज, हरिद्वार, बद्रीनाथ, रामेश्वरम आदि तीर्थस्थलों की यात्रा करते हैं.
अक्षय तृतीया को गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना भी पुण्य का काम माना जाता है. लोग इस दिन अनाथालयों, वृद्धाश्रमों और गौशालाओं में दान करते हैं.
अक्षय तृतीया के दिन सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए. इस दिन मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. लोग इस दिन खीर, पूरी, हलवा, दही-बड़े आदि व्यंजन बनाते हैं.

अक्षय तृतीया को कई जगहों पर मेले और उत्सव आयोजित किए जाते हैं. लोग इन उत्सवों में भाग लेकर खुशियां मनाते हैं.
अक्षय तृतीया के दिन कई जगहों पर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की भक्ति से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. लोग इन कार्यक्रमों में भाग लेकर भक्तिभाव से ओतप्रोत हो जाते हैं.
अक्षय तृतीया को सकारात्मकता और शुभ कार्यों का दिन माना जाता है. लोग इस दिन नए कार्यों की शुरुआत करते हैं और शुभ संकल्प लेते हैं.
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