
रसोई में बर्तनों और दिशा से जुड़ी वास्तु शास्त्र की महत्वपूर्ण जानकारी
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में रखी हर वस्तु का आपके जीवन पर गहरा असर पड़ता है। खासकर रसोई (किचन) का अहम स्थान होता है, क्योंकि यह स्वास्थ्य, समृद्धि और शांति का प्रतीक है। रसोई में रखे बर्तन और उनके सही तरीके से रखे जाने से न सिर्फ घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है, बल्कि यह परिवार के सुख और समृद्धि में भी योगदान करता है। आइए जानते हैं कुछ महत्वपूर्ण वास्तु शास्त्र टिप्स, जो आपके घर की रसोई को सुख-शांति और समृद्धि से भर सकते हैं:
1. तवा (Griddle):
रोटी बनाने के बाद तवे को धोकर कभी भी उल्टा न रखें। यह घर में नकारात्मक ऊर्जा का कारण बनता है और स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ावा देता है। तवा को धोने के बाद हमेशा सही तरीके से रखें और सूखने पर उसे सीधा ही रखें। तवे को उल्टा रखने से परिवार में तनाव और बीमारियों का सामना हो सकता है।
2. कड़ाही (Wok):
कड़ाही का उपयोग सब्जी, तला हुआ खाना बनाने के लिए किया जाता है। जब आप कड़ाही को धोकर सुखाने के लिए रखते हैं, तो उसे उल्टा न रखें। वास्तु शास्त्र के अनुसार कड़ाही को उल्टा रखने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो घर में दरिद्रता और आर्थिक समस्याओं को बढ़ाता है। कड़ाही को धोकर सूखे कपड़े से अच्छी तरह पोछकर ही रखें।
3. पीतल के बर्तन (Brass Vessels):
वास्तु शास्त्र में पीतल के बर्तनों को शुभ माना गया है। इन्हें रसोई में पश्चिम दिशा में रखना चाहिए, क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं और घर में सुख-शांति का वातावरण बनाते हैं। पीतल के बर्तन न सिर्फ सुंदर दिखते हैं बल्कि घर में समृद्धि और उन्नति को भी बढ़ावा देते हैं।
4. तांबे और कांसे के बर्तन (Copper and Bronze Vessels):
तांबे और कांसे के बर्तन भी घर में शुभ माने जाते हैं। इन्हें रसोई में पश्चिम या उत्तर दिशा में रखना सबसे अच्छा होता है। ये बर्तन घर में नकारात्मकता को दूर रखते हैं और परिवार के सदस्य को स्वास्थ्य लाभ देते हैं। इन बर्तनों में खाना बनाने से यह ऊर्जा का संतुलन बनाए रखते हैं और घर में सकारात्मकता को बढ़ाते हैं।
5. स्टील के बर्तन (Steel Vessels):
स्टील के बर्तन को भी रसोई में सही दिशा में रखना चाहिए। इसे भी पश्चिम दिशा में रखने से घर में सुख-समृद्धि आती है। स्टील का उपयोग बर्तनों में सबसे सामान्य है, क्योंकि यह साफ-सफाई में भी आसान होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखता है।
6. रसोई के उपकरण (Kitchen Appliances):
रसोई में रखे उपकरण जैसे मिक्सर, ग्राइंडर आदि को हमेशा सफाई से रखें और यह सुनिश्चित करें कि ये उपकरण अच्छे से काम कर रहे हों। खराब या टूटे हुए उपकरण घर में नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं। इन्हें हमेशा ठीक रखें और अगर कोई उपकरण खराब हो जाए तो उसे जल्दी से रिपेयर करवा लें।
7. रसोई में जल स्रोत (Water Source in Kitchen):
वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोई में पानी का स्रोत हमेशा साफ और स्वच्छ होना चाहिए। पानी का उपयोग रसोई में बहुत महत्वपूर्ण होता है और यह समृद्धि का प्रतीक भी है। पानी के स्रोत को साफ और अवरुद्ध मुक्त रखें ताकि नकारात्मक ऊर्जा से बच सकें।
8. रसोई की स्थिति (Position of Kitchen):
रसोई का स्थान भी वास्तु शास्त्र में महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करें कि रसोई घर के दक्षिण-पूर्व दिशा (Agni Kon) में हो, क्योंकि यह दिशा रसोई के लिए सबसे शुभ मानी जाती है। इससे घर में समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का संचार होता है।
9. रसोई की सफाई (Kitchen Cleanliness):
रसोई की सफाई बहुत जरूरी है। यह न केवल घर की सुंदरता बढ़ाता है बल्कि यह नकारात्मक ऊर्जा को भी दूर करता है। गंदगी से भरपूर रसोई में नकारात्मकता का वास होता है, जिससे घर में कलह और तनाव बढ़ सकता है।
10. रसोई में रंगों का महत्व (Colors in Kitchen):
रसोई में हल्के रंगों का उपयोग करना शुभ माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोई के लिए हल्का पीला, हल्का नारंगी, सफेद या क्रीम रंग उपयुक्त होते हैं। इन रंगों से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य में सुधार होता है।
इन वास्तु टिप्स का पालन करके आप अपनी रसोई में सकारात्मकता और समृद्धि ला सकते हैं। इन बर्तनों और दिशा-निर्देशों को अपनाकर आप न केवल अपने घर को सुंदर और शांति से भरा बना सकते हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित कर सकते हैं कि घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास हो।
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