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कांग्रेस महासचिव और वायनाड सांसद प्रियंका गांधी ने आज पहली बार लोकसभा में अपने भाषण से सबका ध्यान खींचा। संसद के इस सत्र में प्रियंका ने अपने डेब्यू भाषण में संविधान, किसान, महंगाई और अदाणी जैसे गंभीर मुद्दों पर सरकार को घेरा। उनकी स्पीच में न केवल तर्क और तथ्यों की झलक दिखी, बल्कि विपक्ष का मजबूती से पक्ष रखने का आत्मविश्वास भी नजर आया।
संसद में प्रियंका गांधी के पहले भाषण की 10 बड़ी बातें:
- संविधान की रक्षा पर जोर: प्रियंका गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत संविधान की महत्ता और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की अपील से की। उन्होंने कहा, “हम सबकी जिम्मेदारी है कि संविधान के हर शब्द का सम्मान करें और इसे कमजोर न होने दें।”
- किसानों के मुद्दे: उन्होंने किसानों की स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार की नीतियों ने किसानों को कमजोर किया है। उन्होंने किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी दर्जा देने की मांग उठाई।
- महंगाई पर वार: प्रियंका ने महंगाई को जनता की सबसे बड़ी समस्या बताते हुए सरकार से सवाल किया कि आखिर गरीब और मध्यम वर्ग की परेशानियों पर ध्यान क्यों नहीं दिया जा रहा है।
- अदाणी मुद्दा: उन्होंने अदाणी समूह के कथित घोटालों का जिक्र करते हुए पूछा, “सरकार ने आखिर क्यों एक कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल किया?”
- महिला सशक्तिकरण: महिला आरक्षण बिल का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि इसे जल्द से जल्द लागू किया जाए। उन्होंने संसद में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया।
- युवाओं के रोजगार का मुद्दा: उन्होंने बेरोजगारी पर गंभीर चिंता जताई और सरकार की योजनाओं की विफलता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं को केवल वादों की नहीं, बल्कि ठोस रोजगार नीति की जरूरत है।
- अल्पसंख्यकों के अधिकार: प्रियंका गांधी ने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की बात करते हुए सरकार से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।
- लोकतांत्रिक संस्थानों पर हमला: उन्होंने कहा कि आज देश के लोकतांत्रिक संस्थानों पर हमला हो रहा है। मीडिया, न्यायपालिका और चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं की स्वतंत्रता खतरे में है।
- पिछड़ों और दलितों की आवाज: प्रियंका ने दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के अधिकारों की बात उठाई। उन्होंने कहा कि उनके लिए आरक्षित योजनाओं को पूरी तरह से लागू नहीं किया जा रहा है।
- अंत में भावनात्मक अपील: प्रियंका गांधी ने अपने भाषण का अंत यह कहते हुए किया कि वह संसद में जनता की आवाज उठाने के लिए आई हैं। उन्होंने कहा कि वह देश के हर वर्ग के लिए अपनी आवाज बुलंद करती रहेंगी।
स्पीच की खासियत:
प्रियंका गांधी का यह भाषण तर्कपूर्ण, आत्मविश्वास से भरा और मुद्दों पर केंद्रित था। यह उनके लोकसभा में डेब्यू का एक मजबूत प्रदर्शन माना जा रहा है। उनके भाषण ने न केवल विपक्ष को नई ऊर्जा दी, बल्कि सरकार को भी कई मुद्दों पर सोचने पर मजबूर किया।Discover more from ASIAN NEWS BHARAT
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