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आज की बदलती कृषि पद्धतियों के बीच प्राकृतिक खेती एक ऐसी राह दिखा रही है, जो न केवल धरती को स्वस्थ रखेगी, बल्कि इंसानों के जीवन को भी बेहतर बनाएगी। रासायनिक खादों और कीटनाशकों के बढ़ते उपयोग से कृषि क्षेत्र और पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचा है। ऐसे में प्राकृतिक खेती भविष्य के लिए एक सशक्त समाधान साबित हो सकती है।
प्राकृतिक खेती का महत्व
प्राकृतिक खेती, जिसमें रासायनिक उत्पादों के बजाय जैविक और पारंपरिक तरीकों का उपयोग किया जाता है, धरती की उर्वरता को बनाए रखने में मदद करती है। यह न केवल मिट्टी को पोषण देती है, बल्कि उत्पादन को भी लंबे समय तक टिकाऊ बनाती है।
मानव स्वास्थ्य पर असर
रासायनिक खादों और कीटनाशकों से उगाई गई फसलों के सेवन से मानव स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। प्राकृतिक खेती से उत्पादित फसलें न केवल अधिक पोषक होती हैं, बल्कि लंबे समय तक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद करती हैं।
पर्यावरण संरक्षण में मददगार
– प्राकृतिक खेती जलवायु परिवर्तन से लड़ने में सहायक है।
– यह पानी और ऊर्जा की खपत को कम करती है।
– जैव विविधता को संरक्षित करने में भी इसका बड़ा योगदान है।
भविष्य की जरूरत
वर्तमान में बढ़ती बीमारियों और पर्यावरणीय समस्याओं को देखते हुए, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना समय की मांग है। यह न केवल किसानों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद है, बल्कि उपभोक्ताओं को भी स्वस्थ विकल्प प्रदान करती है।
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