
लैब में बनाए गए हीरों की पहचान होगी आसान, सरकार की नई गाइडलाइंस
अब लैब में तैयार किए गए हीरों की पहचान करना आसान होगा। सरकार जल्द ही नई गाइडलाइंस लाने की तैयारी में है, जिसके तहत ग्राहकों को यह स्पष्ट जानकारी दी जाएगी कि हीरा लैब में तैयार किया गया है या प्राकृतिक है।
ग्राहकों को मिलेगी पूरी जानकारी
सरकार की इस पहल का उद्देश्य ग्राहकों को पारदर्शिता प्रदान करना है। नई गाइडलाइंस के अनुसार, अगर कोई हीरा लैब में बना हुआ है, तो दुकानदार इसे प्राकृतिक हीरा बताकर नहीं बेच सकेगा। साथ ही, ग्राहक को हीरा खरीदने पर एक प्रमाण पत्र (सर्टिफिकेट) भी दिया जाएगा, जो उसकी प्रामाणिकता की पुष्टि करेगा।
हीरा उद्योग में बढ़ेगी पारदर्शिता
इस कदम से हीरा उद्योग में पारदर्शिता बढ़ने की उम्मीद है। ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी की संभावना कम होगी और उन्हें गुणवत्ता के आधार पर खरीदारी का विकल्प मिलेगा। इसके अलावा, यह गाइडलाइंस प्राकृतिक हीरों और लैब में बने हीरों के बीच अंतर को स्पष्ट रूप से परिभाषित करेगी।
सरकार का उद्देश्य
सरकार इस पहल के जरिए ग्राहकों के विश्वास को मजबूत करना और हीरा उद्योग में नियम-कायदों को सख्त बनाना चाहती है। जल्द ही गाइडलाइंस को अंतिम रूप देकर लागू किया जाएगा। इससे ग्राहक जागरूक होंगे और बाजार में गुणवत्ता का स्तर भी सुधरेगा।
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