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75th Constitution Day of India : संविधान दिवस के अवसर पर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के केंद्रीय हॉल में दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि “हमारा संविधान हमारे लोकतांत्रित गणतंत्र की सुदूर आधारशिला” है। यह संबोधन भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह का हिस्सा था।
संविधान दिवस का महत्व
- संविधान का इतिहास: भारतीय संविधान को 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था और यह 26 जनवरी 1950 से लागू हुआ। इस दिन को हर साल संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों को प्रोत्साहित करना है।
- राष्ट्रपति का संदेश: राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में संविधान की महत्ता पर जोर दिया और इसे भारतीय लोकतंत्र की आत्मा बताया। उन्होंने सभी नागरिकों से संविधान के प्रति सम्मान और प्रतिबद्धता बनाए रखने का आह्वान किया।
समारोह की झलक
- विशेष कार्यक्रम: इस अवसर पर एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया गया। इसके अलावा, संविधान की निर्माण प्रक्रिया और इसकी गौरवशाली यात्रा पर आधारित पुस्तकों का विमोचन भी किया गया।
- उपस्थित dignitaries: इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, और कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
निष्कर्ष
संविधान दिवस का यह समारोह न केवल भारतीय संविधान की महानता को दर्शाता है, बल्कि यह नागरिकों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का यह संदेश सभी भारतीयों के लिए प्रेरणा स्रोत है कि वे अपने संविधान का सम्मान करें और लोकतंत्र की रक्षा करें।Discover more from ASIAN NEWS BHARAT
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