Check Webstories
यूपी में नागालैंड की एक लड़की को एक फर्जी पुलिसवाले ने डिजिटल अरेस्ट किया है। आरोपी ने उसे धोखे से अपने जाल में फंसाया और उसके कपड़े उतरवा दिए
फर्जी पुलिसवाला: आरोपी ने लड़की को बताया कि वह पुलिस है और उसे किसी मामले में गिरफ्तार कर रहा है।
धोखाधड़ी: लड़की को डराने के लिए उसने उसे निर्वस्त्र अवस्था में दिखाने की मांग की, जिसे उसने वीडियो कॉल पर रिकॉर्ड किया।
डिमांड: इसके बाद आरोपी ने लड़की से पैसे की मांग की, जिससे वह उसे ब्लैकमेल कर सके।
घटना का विवरण:
फर्जी कॉल: छात्रा को पहले एक फोन कॉल आई, जिसमें उसे बताया गया कि वह लोन चुकाने में चूक कर रही है।
वीडियो कॉल: इसके बाद, एक अन्य व्यक्ति ने खुद को पुलिस वाला बताकर वीडियो कॉल किया। इस कॉल में उसने छात्रा को डराने के लिए विभिन्न तकनीकों का इस्तेमाल किया।
धमकी: छात्रा को यह बताया गया कि यदि वह सहयोग नहीं करती है, तो उसे गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ेगा।
यह घटना न केवल साइबर धोखाधड़ी का एक उदाहरण है, बल्कि यह इस बात की भी पुष्टि करती है कि कैसे ठग लोग लोगों को डराकर पैसे वसूलने के लिए विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में सतर्क रहना बेहद जरूरी है और किसी भी अनजान कॉल पर तुरंत प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए।
डिजिटल अरेस्ट क्या है?
डिजिटल अरेस्ट में किसी व्यक्ति को ऑनलाइन माध्यम से यह बताकर डराया जाता है कि वह किसी सरकारी एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया गया है। आरोपी व्यक्ति को यह कहते हैं कि उसे पेनल्टी या जुर्माना देना होगा। यह एक ऐसा शब्द है जो कानून में नहीं है, लेकिन इसके बढ़ते मामलों के कारण इसका उपयोग हो रहा है। Assembly Elections : हरियाणा-जम्मू-कश्मीर के बाद अब महाराष्ट्र और झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनावों पर सबकी नजर यह घटना न केवल एक गंभीर अपराध है, बल्कि यह ऑनलाइन सुरक्षा के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को भी दर्शाती है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और आरोपी की पहचान करने की कोशिश कर रही है।Discover more from ASIAN NEWS BHARAT
Subscribe to get the latest posts sent to your email.