
Kondagaon Breaking
Kondagaon Breaking : कोंडागांव : छत्तीसगढ़ के कोंडागांव में 21 अगस्त 2024 को भारत बंद के दौरान बड़ा हंगामा हुआ। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति संयुक्त संघर्ष मोर्चा द्वारा सुप्रीम कोर्ट के हालिया आरक्षण फैसले के खिलाफ बुलाए गए इस बंद ने राज्य में कई स्थानों पर उग्र रूप धारण कर लिया।
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने 1 अगस्त 2024 को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया, जिसमें राज्यों को एससी और एसटी समुदायों के भीतर उप-श्रेणियां बनाने की अनुमति दी गई। इस फैसले में कहा गया
कि आरक्षण का लाभ उन समूहों को प्राथमिकता के आधार पर मिलना चाहिए, जिन्हें इसकी अधिक आवश्यकता है। इस निर्णय के बाद से ही देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसमें कोंडागांव में सबसे उग्र स्थिति देखने को मिली।
कोंडागांव में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा लगाए गए थ्री लेयर बैरिकेटिंग को तोड़ते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में प्रवेश कर लिया। आंदोलनकारी नारेबाजी करते हुए सीधे कलेक्टर के कार्यालय की ओर बढ़े। पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे, लेकिन बड़ी संख्या में एकत्रित हुए आंदोलनकारियों के सामने यह नाकाफी साबित हुए। हालांकि, किसी प्रकार की हिंसा या गंभीर हादसे की सूचना नहीं मिली है, लेकिन हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं।
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शहर के अन्य हिस्सों में भी बंद के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने रैली निकालकर अपने विरोध की आवाज उठाई। वहीं, बंद के दौरान कुछ दुकानों और वाहनों को नुकसान पहुंचाए जाने की भी खबरें आईं। प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।
कोंडागांव से आई इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिसमें आंदोलनकारियों की भारी भीड़ को कलेक्टर कार्यालय के अंदर नारेबाजी करते देखा जा सकता है। इस घटना ने राज्यभर में चिंता बढ़ा दी है, और प्रशासन किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैयार है।
बंद के दौरान छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में भी तनाव की स्थिति बनी रही, लेकिन किसी अन्य स्थान पर कोंडागांव जैसी घटना नहीं हुई। अधिकारियों ने नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है और प्रदर्शनकारियों को संयम बरतने का आग्रह किया है। बंद के बावजूद, प्रदेश में कहीं भी बड़े पैमाने पर हिंसा की घटना नहीं घटी, जो प्रशासन के लिए राहत की बात रही।
रैली, प्रदर्शन, बेरीकेटिंग तोड़ने, कलेक्ट्रेट का टूटा हुआ गेट , पुलिस द्वारा मान मनौव्वल, हाथ जोड़कर प्रदर्शनकारियों के साथ बैठकर उन्हें समझाने की कोशिश , कलेक्ट्रेट बिल्डिंग के अंदर घुसने और पुलिस द्वारा निकालने का , ASP रूपेश कुमार डांडे का कॉलर पकड़ कर मारने की कोशिश इत्यादि
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