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CG News : बस्तर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में ‘पूना मारगेम’ ने बस्तर और आसपास के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हिंसा को जड़ से खत्म करने में ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। यह पहल केवल सरकारी योजना नहीं बल्कि एक विचारधारा और विश्वास है, जिसने बंदूक के स्थान पर संवाद, संवेदनशीलता और समावेशी विकास को प्राथमिकता दी।
CG News : बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा और अबूझमाड़ लंबे समय तक नक्सलवाद की चुनौती से जूझते रहे। लेकिन ‘पूना मारगेम’ ने यह सिद्ध कर दिया कि हिंसा का समाधान केवल सुरक्षा बलों के बल पर नहीं बल्कि जनविश्वास और विकास के माध्यम से स्थायी रूप से संभव है। स्थानीय गोंडी भाषा से ‘पूना मारगेम’ का अर्थ है ‘नया रास्ता’, और यह उन युवाओं और कैडरों के लिए अवसर प्रदान करता है, जिन्हें कभी बंदूक उठाने के लिए मजबूर किया गया था।
CG News : इस नीति के तीन स्तंभ हैं संवाद और संवेदनशीलता, विकास, और हिंसा का प्रभावी समाधान। सरकार और प्रशासन पीड़ित लोगों की समस्याओं को सुनते हैं, विकास के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, रोजगार और संचार को मजबूत किया जाता है, और आत्मसमर्पण व पुनर्वास के जरिए हिंसा को मानवतावादी दृष्टिकोण से समाप्त किया जाता है।
CG News : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कहना है, “कठोरता वहां, जहां आवश्यक हो और करुणा वहां, जहां बदलाव की संभावना हो।” उनके नेतृत्व में नक्सलवाद के खिलाफ नीति का केंद्र हमेशा जनविश्वास जीतना और समाज में स्थायी शांति स्थापित करना रहा।
CG News : राज्य सरकार की सतत प्रयासों का परिणाम यह रहा कि हाल ही में 210 माओवादी कैडरों ने बस्तर में एक साथ आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। इसमें सेंट्रल कमेटी के सदस्य, डिविजनल कमेटी सदस्य और 153 आधुनिक हथियारों AK-47, SLR, INSAS और LMG का समर्पण शामिल था। इसी तरह, बीजापुर में 34 माओवादी कैडरों ने आत्मसमर्पण कर संविधान में आस्था जताई।
CG News : ‘पूना मारगेम’ के तहत आत्मसमर्पितों को आवास, पुनर्वास सहायता, कौशल विकास प्रशिक्षण और स्वरोजगार जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। जगदलपुर पुलिस लाइन में उनके स्वागत के दौरान उन्हें संविधान की प्रति और लाल गुलाब भेंट किए गए, जिससे संदेश गया कि अब बंदूक नहीं, संविधान सर्वोच्च है।
CG News : बस्तर में इस नीति की सफलता सुरक्षा बलों, प्रशासन, सामाजिक संगठनों और स्थानीय जनजातीय नेतृत्व के समन्वित प्रयासों का परिणाम है। आज बस्तर में स्कूल खुल रहे हैं, सड़कें बन रही हैं, मोबाइल नेटवर्क और स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ़ हो रही हैं, और पर्यटन की संभावनाएं बढ़ रही हैं।
CG News : ‘पूना मारगेम’ ने यह सिद्ध कर दिया है कि विकास ही स्थायी समाधान है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने देश के सामने नक्सलवाद से निपटने का मानवीय, संवेदनशील और प्रभावी मॉडल प्रस्तुत किया है। यह नीति न केवल हिंसा का अंत करती है, बल्कि विश्वास, सम्मान और भविष्य का निर्माण भी करती है। बस्तर में उठती यह नई सुबह पूरे देश के लिए प्रेरणा बनेगी।
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