Premanand Maharaj : वृंदावन। लोग अक्सर कहते हैं कि “सच्चे मन से मांगो, तो भगवान जरूर देते हैं”, लेकिन क्या सच में ऐसा होता है? कई बार हम पूरी श्रद्धा से भगवान से कोई चीज़ मांगते हैं फिर भी वह पूरी नहीं होती। इसी सवाल का जवाब दिया वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज ने, जो सुनकर हर भक्त सोच में पड़ जाएगा।
Premanand Maharaj : महाराज ने कहा “लोगों को मांगना ही नहीं आता। ठाकुर जी को ठाकुर जी मानो, प्रभु को प्रभु मानो, अपने यार की तरह मानो, भगवान को लड्डू या पेड़ा नहीं चाहिए, उन्हें तुम्हारा प्रेम चाहिए, तुम्हारा भाव चाहिए। भाव नहीं, प्रेम नहीं, तपस्या नहीं तो कामना कैसे पूरी होगी?”
Premanand Maharaj : उन्होंने आगे समझाया कि भगवान से कुछ पाने के लिए सिर्फ मन्नत नहीं, भक्ति और तपस्या जरूरी है। अगर आप भगवान के “घरवाले” बन जाते हैं कृ यानी उनसे सच्चा प्रेम करते हैं तो फिर वो बिना तौल के भी दे देते हैं। लेकिन अगर ना भक्ति है, ना तपस्या का धन, तो फिर आप दुकान में बिना रूपए सामान कैसे ले सकते हैं?
Premanand Maharaj : महाराज ने कहा “भगवान हर प्राणी की ज़रूरतें पूरी करते हैं, लेकिन कामना तभी पूरी होती है जब मन में सच्चा भाव और तप हो। इसलिए भगवान को कोसने से पहले खुद से पूछो क्या तुम्हारे पास प्रेम और तपस्या रूपी धन है?”
