
Chenab Rail Bridge
Chenab Rail Bridge: जम्मू-कश्मीर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक बार फिर अपने खास अंदाज को लेकर चर्चा में हैं। दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेल ब्रिज का ऐतिहासिक उद्घाटन उन्होंने परंपरागत तरीके से फीता काटकर नहीं, बल्कि फीता खोलकर किया, जो अब राष्ट्रीय स्तर पर एक चर्चा का विषय बन गया है। यह पुल भारतीय इंजीनियरिंग का अद्भुत उदाहरण है और इसे चिनाब नदी पर अत्यंत चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में तैयार किया गया है। उद्घाटन समारोह के दौरान पीएम मोदी ने पुल का निरीक्षण किया, इंजीनियरों और अधिकारियों से इसकी विशेषताओं पर चर्चा की और फिर एक अनोखे अंदाज में उद्घाटन किया।
Chenab Rail Bridge: उद्घाटन में नहीं काटा फीता, खोला बंधन
प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस मौके पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद थे। उन्होंने पुल का उद्घाटन फीता काटने के बजाय खोलकर किया एक प्रतीकात्मक संदेश के साथ। भारतीय संस्कृति में नई शुरुआत बंधन खोलकर करने की परंपरा है। माना जाता है कि इससे शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी पुल के उद्घाटन के दौरान फीता काटने के बजाय उसे खोलकर भारतीय परंपरा का सम्मान किया।
Chenab Rail Bridge: पहले भी कर चुके हैं ऐसा उद्घाटन
यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन के लिए फीता नहीं काटा। इससे पहले:
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तमिलनाडु के पंबन ब्रिज के उद्घाटन के समय उन्होंने फीता नहीं काटा बल्कि रिमोट से ब्रिज का लोकार्पण किया।
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अरुणाचल प्रदेश में सेला टनल, जो दुनिया की सबसे लंबी दोहरी लेन सुरंगों में शामिल है, का उद्घाटन भी बिना फीता काटे किया गया।
Chenab Rail Bridge: एक संदेश, एक परंपरा
प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम यह भी दर्शाता है कि वे सिर्फ योजनाओं और विकास परियोजनाओं की शुरुआत ही नहीं करते, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं का भी सम्मान और पालन करते हैं। उनकी यह शैली लोगों को न सिर्फ आकर्षित करती है बल्कि एक सांस्कृतिक संदेश भी देती है “नई शुरुआत, पुराने संस्कारों के साथ।”
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