
Shivraj Singh Chauhan: सिंधु जल विवाद से भारत को कितना नुकसान? शिवराज सिंह चौहान आज छह राज्यों के किसानों से करेंगे बातचीत
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Shivraj Singh Chauhan: सिंधु जल विवाद से भारत को कितना नुकसान? शिवराज सिंह चौहान आज छह राज्यों के किसानों से करेंगे बातचीत
Shivraj Singh Chauhan: नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए सिंधु जल समझौते पर रोक लगा दी है। इस महत्वपूर्ण निर्णय के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान आज उत्तर भारत के छह राज्यों के किसानों से मुलाकात करेंगे। इस बैठक में सिंधु जल समझौते के प्रभाव, भविष्य की रणनीतियों और किसानों के हितों पर विस्तार से चर्चा होगी। बैठक में शामिल राज्यों में हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश शामिल हैं, जो सिंधु नदी के जल से लाभान्वित होते हैं।
Shivraj Singh Chauhan: सिंधु जल समझौता 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुआ था, जो दोनों देशों के बीच जल संसाधनों के साझा उपयोग का एक महत्वपूर्ण और टिकाऊ समझौता माना जाता है। इसके तहत भारत को पूर्वी नदियों रावी, ब्यास और सतलुज पर पूरा अधिकार मिला है, जबकि पाकिस्तान पश्चिमी नदियों सिंधु, झेलम और चिनाब का प्रबंधन करता है। भारत को पश्चिमी नदियों के जल का सीमित उपयोग जलविद्युत उत्पादन और सिंचाई के लिए करने की अनुमति है, लेकिन नदियों के प्रवाह को प्रभावित करने या मोड़ने की इजाजत नहीं है।
Shivraj Singh Chauhan: हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने कड़ा कदम उठाते हुए इस समझौते पर रोक लगा दी, जिससे पाकिस्तान ने तीव्र प्रतिक्रिया दी। दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव के बाद तीन दिन चले युद्ध के बाद सीजफायर की घोषणा हुई, लेकिन भारत ने साफ किया कि सिंधु जल समझौते पर लगी रोक तब तक जारी रहेगी जब तक स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में नहीं आती।
Shivraj Singh Chauhan: इस महत्वपूर्ण बैठक में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों को समझाएंगे कि यह निर्णय उनके हितों को सुरक्षित रखने और उनके भविष्य को बेहतर बनाने के लिए लिया गया है। वे किसानों को कांग्रेस सरकारों के गलत नीतियों से हुए नुकसान और सिंधु जल समझौते के कारण भारत को होने वाले आर्थिक एवं जल प्रबंधन के नुकसानों के बारे में भी अवगत कराएंगे। इस संवाद के जरिए किसानों की समस्याओं को सुनने और जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के लिए नई योजनाएं बनाने पर भी जोर दिया जाएगा।
Shivraj Singh Chauhan: सरकार का उद्देश्य सिंधु नदी के जल संसाधनों का उचित और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना है ताकि किसानों को अधिकतम लाभ मिल सके और कृषि क्षेत्र मजबूत हो। साथ ही, यह पहल किसानों के बीच जागरूकता बढ़ाने, उनके सवालों का समाधान करने और जल संकट के समाधान के लिए रणनीतियां बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। इस कदम से न केवल सिंधु बेसिन के राज्यों के किसानों का भविष्य सुरक्षित होगा, बल्कि देश में जल सुरक्षा और कृषि विकास को भी बल मिलेगा।
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