Pendra : मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बॉर्डर इलाके में ज्वालेश्वर मंदिर के पास बाघिन के मूवमेंट से ग्रामीणों में भय का माहौल है। पिछले चार दिनों से यह बाघिन इस क्षेत्र में सक्रिय है और अब तक 2 गाय और 2 कुत्तों का शिकार कर चुकी है। इस घटना के बाद वन विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए प्रभावित क्षेत्र के 2 परिवारों के 11 सदस्यों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया है।
बाघिन का मूवमेंट: ग्रामीण क्षेत्र में बढ़ी चिंता
वन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, बाघिन का मूवमेंट अमरकंटक रोड और आसपास के क्षेत्रों में देखा गया है। ज्वालेश्वर मंदिर के पास इस बाघिन की लगातार उपस्थिति दर्ज की गई है। इसके अलावा राहगीरों ने भी बाघिन को अमरकंटक रोड पर घूमते देखा है, जिससे क्षेत्र में डर का माहौल बन गया है।
वन विभाग की सक्रियता
दोनों राज्यों के वन विभाग की टीम इस बाघिन की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही है। बाघिन को ट्रैक करने के लिए विशेषज्ञों की टीम इलाके में तैनात की गई है।
- निगरानी प्रक्रिया:
- बाघिन के मूवमेंट पर ड्रोन और कैमरा ट्रैप के जरिए नजर रखी जा रही है।
- इलाके में गश्त बढ़ा दी गई है।
- ग्रामीणों को सतर्क रहने और अनावश्यक बाहर न जाने की सलाह दी गई है।
ग्रामीणों के लिए एहतियाती कदम
- सुरक्षित स्थान पर शिफ्टिंग:
- बाघिन के मूवमेंट वाले क्षेत्र से 2 परिवारों के 11 सदस्यों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है।
- सावधानी बरतने के निर्देश:
- ग्रामीणों को रात में घर के अंदर रहने और जंगल के पास न जाने की सख्त हिदायत दी गई है।
- पशुओं को सुरक्षित रखने के लिए विशेष इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं।
पशुओं का शिकार और बाघिन की तलाश
अब तक बाघिन ने 2 गाय और 2 कुत्तों का शिकार किया है, जिससे क्षेत्र के लोग भयभीत हैं। वन विभाग बाघिन को ट्रैक कर सुरक्षित तरीके से जंगल में वापस भेजने की योजना बना रहा है।
अमरकंटक रोड पर राहगीरों को दिखी बाघिन
अमरकंटक रोड पर बाघिन को घूमते देख राहगीरों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। वन विभाग ने राहगीरों से अपील की है कि वे इस मार्ग पर सावधानीपूर्वक यात्रा करें और अनावश्यक रुकने से बचें।
वन्यजीव संरक्षण का प्रयास
वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि बाघिन को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। इसे सुरक्षित रूप से जंगल में वापस भेजने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह घटना वन्यजीव संरक्षण की आवश्यकता और मानव-वन्यजीव संघर्ष की गंभीरता को भी उजागर करती है।
मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर बाघिन की गतिविधियों से दहशत का माहौल जरूर है, लेकिन वन विभाग की त्वरित कार्रवाई से स्थिति पर नियंत्रण रखने का प्रयास किया जा रहा है। ग्रामीणों को सतर्क रहने और वन विभाग के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है। बाघिन को सुरक्षित जंगल में वापस भेजने के लिए वन विभाग की टीमें सक्रिय हैं।
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