नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने नाम बदलने के कारण का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि जब वे राजनीति में आईं, तो उनका नाम ‘आतिशी मार्लेना’ था, लेकिन बाद में उन्होंने इसे बदलने का निर्णय लिया। आतिशी ने कहा कि उनका सरनेम ‘सिंह’ था, और राजनीति में आने के बाद उन्हें लगा कि उनके नाम की तुलना में उनके काम पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए। इसीलिए उन्होंने अपने नाम में बदलाव किया।
जब उनसे पूछा गया कि क्या इस फैसले के लिए उनके पिता की सहमति थी, तो उन्होंने जवाब दिया कि युवा हमेशा कुछ नया करने के लिए क्रांतिकारी होते हैं और उनके निर्णय हमेशा पारंपरिक रूप से नहीं होते। वे अपने रास्ते खुद चुनते हैं और यह इतिहास में कई बार साबित हुआ है कि बड़े बदलाव युवाओं ने ही किए हैं।
आतिशी ने राजनीति में अपने प्रवेश के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि बचपन से ही वे देश के लिए कुछ करना चाहती थीं, हालांकि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे राजनीति में आएंगी। अन्ना हजारे के आंदोलन के दौरान, जब उन्होंने देखा कि लोग सड़कों पर आकर योगदान दे रहे हैं, तो उन्होंने एक कार्यकर्ता के रूप में इसमें हिस्सा लिया। इसके बाद उन्हें एहसास हुआ कि यदि देश में बदलाव लाना है तो राजनीति से बड़ा कोई अन्य तरीका नहीं है।
2013 में उन्होंने आम आदमी पार्टी के लिए अपना पहला चुनाव लड़ा, और उस समय वे एक सामान्य कार्यकर्ता थीं। वे इस विचार के साथ पार्टी में शामिल हुईं कि पार्टी कुछ बड़ा करने की कोशिश कर रही है और वे इसके लिए मदद करना चाहती थीं। तब से उन्हें यह महसूस हुआ कि राजनीति के जरिए ही बड़े बदलाव संभव हैं।
Discover more from ASIAN NEWS BHARAT
Subscribe to get the latest posts sent to your email.