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Magh Gupta Navratri 2025 : माघ गुप्त नवरात्र हिंदू धर्म में एक विशेष समय होता है, जब भक्तगण मां दुर्गा के नौ रूपों की श्रद्धापूर्वक पूजा करते हैं। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था को गहराई प्रदान करता है, बल्कि जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का संदेश भी देता है। 2025 में माघ गुप्त नवरात्र का आरंभ और पूजा विधि जानने के लिए यहां विस्तार से बताया गया है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ गुप्त नवरात्र का आरंभ माघ शुक्ल प्रतिपदा तिथि से होता है। 2025 में यह तिथि 29 जनवरी की शाम 6 बजकर 5 मिनट पर शुरू होगी और 30 जनवरी की शाम 4 बजकर 1 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के आधार पर माघ गुप्त नवरात्र की शुरुआत 30 जनवरी, 2025 (गुरुवार) को मानी जाएगी।
माघ गुप्त नवरात्र में कलश स्थापना का विशेष महत्व है। 2025 में कलश स्थापना के लिए निम्नलिखित शुभ मुहूर्त हैं:
इन समयों के दौरान घट स्थापना करना शुभ माना जाता है। यह विधि भक्तों की आध्यात्मिक यात्रा को सशक्त बनाती है और पूजा का शुभारंभ करती है।
माघ गुप्त नवरात्र में देवी दुर्गा के गुप्त रूपों की पूजा होती है। इसे गुप्त इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह पर्व साधना और ध्यान के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है। इस दौरान की गई पूजा में निम्नलिखित चरण शामिल हैं:
माघ गुप्त नवरात्र का पर्व आध्यात्मिक उन्नति का समय माना जाता है। इस दौरान की गई पूजा व्यक्ति को मानसिक शांति और आंतरिक शक्ति प्रदान करती है। ऐसा माना जाता है कि इस साधना से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और भक्तों को मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मिलता है। माता की कृपा से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का वातावरण बना रहता है।
2025 में माघ गुप्त नवरात्र का शुभारंभ 30 जनवरी से हो रहा है। इस दौरान कलश स्थापना और पूजा विधि का पालन कर भक्तगण देवी मां की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। यह पर्व आध्यात्मिक साधना, धार्मिक आस्था और पारिवारिक सुख-शांति की प्राप्ति का अनमोल अवसर है। मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शक्ति का संचार होता है।
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