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रायपुर: उप मुख्यमंत्री अरुण साव 10 से 12 जनवरी तक आयोजित इंडियन वॉटर वर्क्स एसोसिएशन (आईडब्ल्यूडब्ल्यूए) के अधिवेशन का शुभारंभ करेंगे। इस अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य जल प्रबंधन, जल आपूर्ति, और जल संरक्षण के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा करना है।
जल-360 डिग्री की थीम पर अधिवेशन:
इस वर्ष के अधिवेशन की थीम “जल-360 डिग्री” है, जो जल के प्रत्येक पहलू पर केंद्रित है। इस थीम के तहत जल प्रबंधन के विभिन्न आयामों, जल संरक्षण, जल पुनर्चक्रण, और भविष्य में जल संसाधनों के प्रबंधन के तरीकों पर गहन चर्चा होगी।
देशभर के 400 जल विशेषज्ञ और इंजीनियरों की भागीदारी:
अधिवेशन में देशभर के 400 जल विशेषज्ञ और अनुभवी इंजीनियर हिस्सा लेंगे। वे जल संसाधन प्रबंधन, जल गुणवत्ता सुधार, और जल संकट से निपटने के लिए नए समाधानों पर विचार विमर्श करेंगे। विशेषज्ञ इस सम्मेलन के दौरान जल आपूर्ति और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर भी चर्चा करेंगे और आगामी दिनों के लिए रणनीतियाँ तैयार करेंगे।
महत्वपूर्ण विषयों पर विचार:
अधिवेशन के दौरान जल संकट, सतत जल प्रबंधन, नदी और तालाबों के संरक्षण, और वर्षा जल संचयन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। यह अधिवेशन न केवल तकनीकी समाधान और रणनीतियाँ सुझाएगा, बल्कि जल प्रबंधन में सुधार के लिए सरकारी और निजी क्षेत्र के साझेदारी को बढ़ावा देगा।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव का संदेश:
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कहा, “यह अधिवेशन जल संरक्षण और जल प्रबंधन में महत्वपूर्ण कदम होगा। हमें जल के प्रत्येक संसाधन का समुचित प्रबंधन करना होगा, ताकि आने वाली पीढ़ियों को भी पानी की किल्लत का सामना न करना पड़े।”
इस अधिवेशन में राज्य सरकार की सक्रिय भागीदारी जल संकट के समाधान और भविष्य में जल प्रबंधन के लिए दिशा-निर्देश देने में सहायक सिद्ध होगी।
अधिवेशन का प्रभाव:
यह अधिवेशन जल क्षेत्र में काम करने वाले सभी संबंधित अधिकारियों, इंजीनियरों और विशेषज्ञों को एक मंच प्रदान करेगा, जिससे जल प्रबंधन के नए उपायों पर सहमति बनी सके और जल संकट से निपटने के लिए साझा रणनीतियाँ बनाई जा सकें।
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