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दंतेवाड़ा। नए साल के पहले दिन दंतेवाड़ा जिले में माओवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने के प्रयासों को बड़ी सफलता मिली। तीन लाख के इनामी माओवादी ने प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे लोन वर्राटू (घर वापस आइए) अभियान से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया। यह आत्मसमर्पण माओवाद के खिलाफ प्रशासन की बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है।
आत्मसमर्पित माओवादी गंगालूर एरिया कमेटी के तहत प्लाटून नंबर 12 में ए सेक्शन डिप्टी कमांडर के पद पर सक्रिय था। वह लंबे समय से माओवादी गतिविधियों में लिप्त था और सुरक्षा बलों के लिए चुनौती बना हुआ था। प्रशासन की ओर से उस पर 3 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
लोन वर्राटू अभियान, जिसका अर्थ है “घर वापस आइए”, दंतेवाड़ा जिले में माओवादियों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए चलाया जा रहा एक प्रभावी कार्यक्रम है। इस अभियान के तहत माओवादियों को हिंसा का रास्ता छोड़ने और आत्मसमर्पण करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
अब तक इस अभियान के तहत:
आत्मसमर्पित माओवादियों को पुनर्वास और रोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। प्रशासन द्वारा उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है और उन्हें समाज में एक नई शुरुआत करने का मौका दिया जाता है।
दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी अपने परिवार और समाज के साथ सामान्य जीवन जीने की इच्छा रखते हैं। लोन वर्राटू अभियान माओवादियों को इस दिशा में प्रेरित कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन ऐसे और आत्मसमर्पण के लिए तैयार है।
लोन वर्राटू अभियान के अलावा, प्रशासन ने माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को तेज किया है। सड़क निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में प्रयास जारी हैं।
दंतेवाड़ा जिले में इस प्रकार की सफलताओं से न केवल माओवादी गतिविधियों पर अंकुश लग रहा है, बल्कि शांति और विकास की दिशा में एक मजबूत कदम भी उठाया जा रहा है।
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