Health Care : स्लीप डिसऑर्डर के 5 प्रमुख संकेत और उनसे बचने के तरीके...
भारत में एक स्टडी के अनुसार, लगभग 93 प्रतिशत भारतीय नींद की कमी से परेशान हैं, और यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। स्लीप डिसऑर्डर से न केवल मानसिक बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। विशेषज्ञों का मानना है कि खराब लाइफस्टाइल, अनहेल्दी खाना और अत्यधिक मोबाइल फोन का उपयोग इस समस्या के मुख्य कारण हैं। अगर आप भी रात में सोने के बाद बार-बार जागते हैं, तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। आइए जानते हैं उन लक्षणों के बारे में, जो आपको स्लीप डिसऑर्डर की ओर इशारा कर सकते हैं और इसके बचाव के उपायों के बारे में।
रात में बार-बार जागना: अगर आप रात में सोने के बाद बार-बार जागते हैं और फिर सोने में कठिनाई महसूस करते हैं, तो यह स्लीप डिसऑर्डर का एक संकेत हो सकता है।
सुबह थकान महसूस होना: पर्याप्त नींद न लेने के कारण सुबह उठते वक्त थकान महसूस होना और ऊर्जा की कमी होना, एक गंभीर समस्या का संकेत है।
नींद में लगातार खलल: यदि नींद में बार-बार खलल पड़ता है, जैसे कि जागने पर पूरी नींद का महसूस न होना, तो यह स्लीप डिसऑर्डर की ओर इशारा करता है।
मूड स्विंग्स और मानसिक तनाव: नींद की कमी से मानसिक स्थिति पर भी असर पड़ता है, जैसे कि चिड़चिड़ापन, तनाव और मानसिक थकावट।
स्वास्थ्य में गिरावट: नींद की कमी का असर आपके दिल और लिवर पर भी पड़ सकता है। इससे संबंधित शोधों से यह साबित हुआ है कि नींद की कमी लिवर और हार्ट की समस्याओं का कारण बन सकती है।
नींद का नियमित शेड्यूल बनाएं: रोजाना एक तय समय पर सोने और उठने से नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है।
मोबाइल फोन का कम उपयोग करें: सोने से कम से कम एक घंटा पहले मोबाइल और अन्य स्क्रीन का उपयोग कम करें।
हेल्दी डाइट अपनाएं: संतुलित आहार से शरीर को सही पोषण मिलता है, जो बेहतर नींद में मदद करता है।
आरामदायक माहौल तैयार करें: सोने का माहौल शांत और आरामदायक रखें, जिससे आपकी नींद गहरी हो।
स्विट्जरलैंड के बेसल यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, नींद की कमी से लिवर और हार्ट पर भी बुरा असर पड़ता है। यदि आप स्लीप डिसऑर्डर से बचाव चाहते हैं, तो अपनी नींद की आदतों में सुधार करें और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं।
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